उत्तराखंड में बंगाली समाज को पिछड़ी जाति में शामिल करने की उठी मांग।समाज के लोगों के डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। उत्तराखण्ड में बसे बंगाली समाज को पिछड़ी जाति में शामिल किये जाने एवं बंगाली बाहुल्य क्षेत्र के स्कूलों में बंग्ला भाषा लागू किये जाने की मांग को लेकर प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति के शिष्टमंडल ने अपर जिलाधिकारी नजूल जय भारत सिंह से मुलाकात कर उनके माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।
मंगलवार को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले 65-70 वर्षों से बंगाली समाज के करीब पांच लाख लोग तराई में जनपद उधमसिंह नगर ;पूर्व जिला नैनीतालद्ध में रह रहे हैं। जिस समय तराई में बंगाली समुदाय को बसाया गया था। उस दौरान रुद्रपुर के जनता इन्टर कालेज, दिनेशपुर इन्टर कालेज, उच्च माध्यमिक विद्यालय तथा शत्तिफफार्म इन्टर कालेज में बंग्ला भाषा पढ़ाने की व्यवस्था की गयी थी। लेकिन पूर्व नियुत्तफ अध्यापकों के सेवानिवृत्त होने के बाद नये अध्यापकों की व्यवस्था न करने के कारण बंग्ला भाषा की पढ़ाई बन्द हो गयी है। जिससे बंगाली समाज के बच्चे अपनी मातृभाषा बंग्ला भाषा पढने से वंचित हो रहे हैं। ज्ञापन में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि बंगाली बाहुल्य क्षेत्र के विद्यालयों में बंग्ला भाषा पढ़ाये जाने की व्यवस्था करने की कृपा करें एवं पिछले 60 वर्षों से बंगाली समाज के लोग अनुसूचित जाति की सूची में शामिल होने के लिए प्रयासरत हैं एवं उनके लिए तमाम आंदोलन करते आये हैं। उत्तराखण्ड सरकार कई बार उत्तराखण्ड विधानसभा से संकल्प पारित करके भारत सरकार से अनुरोध इस आशय से प्रेषित किया है कि उत्तफ बंगाली जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में सम्मिलित करे। लेकिन आज तक उत्तराखण्ड में बंगाली समाज के व्यत्तिफयों को अनुसूचित जाति अथवा पिछड़ी जाति में सम्मिलित नही किया गया। मुख्यमंत्री के विधान सभा क्षेत्र में भी बंगाली वोटरों की संख्या अत्यधिक है। इसलिए बंगाली समाज की आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक स्थिति से स्वयं मुख्यमंत्री पूर्णतया अवगत हैं। इन तमाम परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए बंगाली समाज को पिछड़ी जाति में शामिल करते हुए बंगाली बाहुल्य क्षेत्र के विद्यालयों में बग्ला भाषा के अध्यापक की नियुत्तिफ कर बंग्ला भाषा की पढ़ाई शुरू करवाने की कृपा करें। जिसके लिए बंगाली समाज का आपका सदैव आभारी रहेगा। ज्ञापन देने वालों में अध्यक्ष चंद्रशेखर गांगुली,जगदीश कर्मकार, दिलीप अधिकारी, मानस बैरागी, देवानंद स्वर्णकार, आशीत बाला, उपेन्द्र चौधरी, एसपी सरकार, प्रकाश अधिकारी, पलास सरकार, एके मुंडा, श्यामल मंडल, शुभम दास व अशोक विश्वास आदि शामिल थे।