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बेहड की हठ ने भाजपा को दे दिया वाक ओवर।इस्तीफे की धमकी देकर कटवाया मजबूत दावेदार संदीप चीमा का टिकट। भाजपा में खुशी,बेहड का आभार जता रहे हैं भाजपाई।अब हार हुई तो हाईकमान को क्या मुंह दिखायेंगे बेहड।

रुद्रपुर(खबर धमाका)। उत्तराखंड में पहले ही डूबते जहाज बन चुकी कांग्रेस को पंचायत चुनाव में नेताओं का अहम पार्टी को कमजोर करने का काम करता दिख रहा है। जिला पंचायत चुनाव में जिस प्रकार से टिकटों की लड़ाई रही है, उससे पार्टी की झोली से कई ऐसी सीट भाजपा की झोली में जानी तय है, जहां पर कांग्रेस काफी मजबूत रही है।यह सिर्फ पार्टी के नेताओं का अहम के चलते होता नजर आ रहा है।

 

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उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस तो मुख्य पार्टियां हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से कांग्रेस पार्टी में चल रही गुटबाजी कांग्रेस को डूबाने का काम कर रही है। विधानसभा चुनाव में जहां टिकटों के वितरण में हुई लापरवाही से पार्टी सत्ता से दूर हुई थी,तो अब पंचायत चुनाव में भी यही हाल है। ऊधमसिंहनगर के जिला पंचायत सदस्यों को लेकर पार्टी ने जो लिस्ट जारी की है, उसमें सबसे ज्यादा चर्चा वार्ड 14 कुरैया सीट की हो रही है,यह पर पार्टी ने सबसे मजबूत दावेदार संदीप चीमा का टिकट काटकर एक अनाड़ी प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है, जिससे हर कोई हैरान हैं। बताया जा रहा कि यह सब किच्छा विधायक तिलक राज बेहड की हठधर्मिता की बजह से हुआ है। बताते हैं कि संदीप चीमा पार्टी के संगठन का करीबी था और किच्छा विधायक बेहड हमेशा संगठन का विरोध में खड़े नजर आए हैं। सूत्रों की मानें तो बेहड ने संदीप चीमा के टिकट काटकर अपने करीबी प्रत्याशी को टिकट देने की मांग की थी, बताया जा रहा कि बेहड ने हाईकमान के समाने पूरी तरह अड़ गए थे, उन्होंने इस्तीफा देने की भी धमकी दे डाली थी, जिसके बाद हाईकमान को झुकना पड़ा।

यानी की बेहड की धमकी के बाद ही हाईकमान झुका है और संदीप चीमा जैसे मजबूत प्रत्याशी का टिकट एक अनाड़ी व्यक्ति को दे दिया गया है।

इधर वार्ड नंबर 14 में भाजपा ने कोमल चौधरी को टिकट दिया है। कांग्रेस के टिकट की घोषणा के बाद भाजपा में सबसे ज्यादा खुशी है। जानकारों की मानें तो कांग्रेस के टिकट की घोषणा के बाद भाजपा की इस सीट से जीत सुनिश्चित हो गई है। इसके लिए भाजपा के लोग बेहड का आभार भी जताते नजर आ रहे हैं। यानी कही ना कही किच्छा विधायक ने भाजपा की राह आसान कर दी है।

इसके पीछे मुख्य बजह यह बताई जा रही कि कांग्रेस ने जिस प्रत्याशी को टिकट दिया है उसका राजनीतिक तर्जुबा न के समान है। जबकि भाजपा प्रत्याशी मजा हुआ खिलाड़ी हैं। भाजपा के सत्ता में होने का लाभ भी उन्हें मिलेगा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि किच्छा विधायक ने अपनी हठधर्मिता से अपने पसंदीदा प्रत्याशी को टिकट तो दिलवा दिया है, लेकिन वह जीतकर भी हार गए हैं। क्योंकि उनका फैसला पूरी तरह भाजपा को बाक ओवर देने वाला है।ऐसे में चुनाव के परिणामों के बाद किच्छा विधायक तिलक राज बेहड पार्टी हाईकमान को क्या मुंह दिखायेंगे,यह आने वाला समय बताएगा।