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उत्तराखंड

ऊधमसिंहनगर में सिपाही हत्याकांड के पांच आरोपियों को उम्रकैद।2015 में पशु तस्करों ने दिया था घटना को अंजाम,आठ बर्ष बाद आया कोर्ट का फैसला

नरेन्द्र राठौर 
रूद्रपुर । पुलिस के एक सिपाही की हत्या कारित करने तथा दूसरे सिपाही पर जानलेवा हमला कर गम्भीर रूप से घायल करने के पाँच आरोपियों को तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री रजनी शुक्ला ने आजीवन कारावास तथा 36,000 रुपया जुर्माने की सजासुना दी।सहायक ज़िला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि 12/13 दिसंबर 2015 की रात को एक पिकप पर सवार आधा दर्जन बदमाश थाना गदरपुर के ग्राम महतोष मोड़ में रहने वाले भूकन लाल के घर पहुँच कर उनकी भैंसों को खोल लूट कर ले जा रहे थे कि अचानक भूकन लाल व उनकी पत्नी श्रीमती शकुन्तला रानी जाग गए उन्होंने रोकने का प्रयास किया तो बदमाशों ने हमला कर घायल कर दिया बदमाशों ने पत्नी का मोबाइल लूट लिया ।शोर सुनकर गाँव वाले आये तो बदमाश पिकप में बैठकर बिलासपुर की ओर चल दिए ।इसी बीच एक ग्रामीण ने थाने में फ़ोन किया तो ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल सुभाष जोशी ने तुरंत रात्रि गश्त पर निकले कॉन्स्टेबल जितेन्द्र कुमार व बसन्त बोरा को सूचित कर दिया जिस पर वह दोनों पंचायत के बैरियर पर पहुँचे और बेरियर गिरा दिया लेकिन बदमाशों ने पिकप से टक्कर मार कर बेरियर को तोड़ डाला और बिलासपुर की ओर भाग निकले ।यह देख दोनों पुलिस कर्मियों ने मोटरसाइकिल से उनका पीछा किया तो पिकप में पीछे बैठे बदमाशों ने उनपर पथराव कर दिया लेकिन दोनों ने पीछा नही छोड़ा परन्तु जब पिकप यूपी की सीमा में चली गई तो दोनों वापिस लौट आए ।बदमाशों ने अपनी पिकप लौटाते हुए बहुत तेज गति से दोनों की मोटरसाइकिल में पीछे से ज़ोरदार टक्कर मार दी जिसके फलस्वरूप दोनों गिरकर गम्भीर रूप से घायल हो गए,घायल अवस्था में ही जितेन्द्र ने थाने फ़ोन कर बताया तो कुछ ही देर में पुलिस अधिकारी मौक़े पर पहुँच गये और दोनों को अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने बसन्त बोरा को मृत घोषित कर दिया ।जितेन्द्र को नारायण अस्पताल रूद्रपुर लाया गया जहां उनके पैर का आपरेशन कर रॉड डाली गई ।इस मामले में भूकन लाल तथा कॉन्स्टेबल जितेन्द्र कुमार के द्वारा अलग अलग एफ़आइआर दर्ज कराई गईं ।पुलिस ने बदमाशों की तलाश शुरू कर दी और गदरपुर पुलिस ने मुरादाबाद के कटघर थाना पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए मूँड़ापाडें जिला मुरादाबाद निवासी सूखा पुत्र यामीन,मोहम्मद रफ़ीक पुत्र वली अहमद,अनमोल पुत्र ज्ञानी,भूरा पुत्र नन्हे तथा आसिफ़ पुत्र अलीजान को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया ।उनके विरूद्ध तृतीय अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री रजनी शुक्ला के न्यायालय में मुक़दमा चला जिसमें एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने 15 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया जिसके बाद शुक्रवार की शाम न्यायाधीश महोदय ने पॉचो को आरोपी करार देते हुए धारा 302 आईपीसी में आजीवन कारावास और 16 हज़ार रुपये जुर्माने, धारा 395 में 10 वर्ष के कठोर कारावास और 5000 रूपये जुर्माने, धारा 397 व 307 में 7-7 वर्ष के कठोर कारावास और 5000-5000 रूपये जुर्माने, धारा 332 व 353 में 3-3 वर्ष के कठोर कारावास, धारा 427 में 2-2 वर्ष के कठोर कारावास और 5000 रूपये जुर्माने की सज़ा सुनाई जबकि भूरा को धारा 412 में 10 वर्ष के कठोर कारावास और 5000 रूपये जुर्माने की सज़ा अलग से सुनाई गई ।
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