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उत्तराखंड

ऊधमसिंहनगर में 55 लाख की स्मैक के साथ मुस्ताक उर्फ पिंटू गिरफ्तार। गोपनिय इनपुट पर एसटीएफ और पुलिस को मिली बडी सफलता। बरेली से सस्ते दामों में स्मैक खरीदकर कर रहा था सप्लाई

नरेन्द्र राठौर 

रुद्रपुर (खबर धमाका)। ऊधमसिंहनगर के पुलभट्टा क्षेत्र में एसटएफ  वह पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है।  एसटीएफ ने यूपी बार्डर से 55 लाख से अधिक की स्मैक के साथ एक तस्कर को गिरफ्रतार किया है। उत्तराखण्ड में स्मैक बरामदगी की यह एसटीएफ और पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी संयुक्त कार्यवाही है।

खुलासा करते हुए एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि अपराधियों के विरुद्ध आपरेशन प्रहार के तहत की जा रही प्रभावी कार्यवाही के अंतर्गत एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्यवाही करते हुए एक स्मैक तस्कर को बहेडी बार्डर नदेली रोड चौकी बरा क्षेत्र में गिरफ्रतार कर लिया। पकड़े गये तस्कर ने अपना नाम मुस्ताक अली उर्फ पिंटू पुत्र मिट्ट अली निवासी मनिहारगोठ थाना टनकरपुर जिला चंपावत हाल निवासी रजागंज थाना पूरनपुर जिला पीलीभीत बताया। अभियुक्त के कब्जे से कुल 537 ग्राम स्मैक बरामद हुई। पूछताछ में पकड़े गए अभियुक्त मुस्ताक अली ने बताया कि अपने साथी अकबर अंसारी निवासी फतेहगंज पश्चिमी बरेली से उक्त स्मैक 1200 रुपये प्रतिग्राम के हिसाब से खरीद कर लाकर पहाडी क्षेत्र के जनपदो चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ आदि स्थानो पर 3-4 हजार रुपये प्रतिग्राम के हिसाब से बेचने वाला था। बताया कि उसका एक पार्टनर साबिर लालपुर किच्छा में रहता है जो वहाँ से रुद्रपुर, हल्द्वानी आदि स्थानों पर स्मैक की सप्लाई करता है। अभियुक्त मुस्ताक अली एवं अकबर अंसारी के विरुद्ध थाना पुलभट्टा में अभियोग पंजीकृत किया गया हैं। उत्तराखंड राज्य में स्मैक बरामदगी के यह अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी है।एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया गया कि एसटीएफ की एएनटीएफ कुमाऊं यूनिट को उत्तर प्रदेश उत्तराखंड बॉर्डर पर ड्रग की बड़ी डिलीवरी होने का गोपनीय इनपुट प्राप्त हुआ था, जिस पर टीम के द्वारा कार्यवाही करते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे जनपद उधम सिंह नगर के पुलभट्टा थाना क्षेत्र से अन्तर्राज्यीय ड्रग तस्कर को गिरफ्रतार किया गया। गिरफ्रतार अभियुक्त से ड्रग के सम्बन्ध में विस्तृत पूछताछ की जा रही है उसके आधार पर आगे कार्यवाही की जायेगी। उत्तराखण्ड के ऐसे इलाके जो पड़ोसी उ0प्र0 राज्य की सीमा से लगे हुए हैं, वहाँ पर उ0प्र0 के ड्रग माफिया द्वारा ड्रग की सप्लाई की जाती है फिर वहाँ से उत्तराखण्ड के छोटे-छोटे ड्रग डीलर उसे पूरे उत्तराखण्ड में सप्लाई करते हैं. इस प्रकार नशे का नेटवर्क चलता रहता है। गुरुवार को टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है।

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