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उधमसिंह नगर

रुद्रपुर नगर निगम,करोड़ों के टेंडर में पूल का खेल,आ रही घोटाले की बड़ी बू! विरोधियों को शांत करने के लिए लाखों के चढ़ावे की भी चर्चा। अभियंताओं से बनवाएं जाते हैं डेढ़ गुना ज्यादा के इस्टीमेंट। कांग्रेसियों ने खोला मोर्चा, कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर की नारेबाजी।

नरेन्द्र राठौर

रुद्रपुर। रुद्रपुर नगर निगम में सत्ता धारी पार्टी का मेयर होने की बजह से सरकार और प्रशासन भले ही मूकदर्शक बना हो, लेकिन निगम जमकर भष्टाचार हो रहा है। तीन दिन पहले हुए करोड़ों रुपया के 45 टेंडर में तो पटकथा लिखी गरी है, उसमें फिफ्टी फिफ्टी की कमाई का मजमून तैयार है, बताया जा रहा ऊपरी लेवल के अधिकारियों के साथ नेताओं को ठेकेदारों ने मैनेज करने के साथ कुछ कलमकारों और विरोध करने वालों को भी एडवांश में मैनेज कर पेंटी में अपना टेंडर डाल दिया। नगर निगम में भले ठेकेदारों की संख्या सैकड़ों में हो, लेकिन टेंडर डालने वाले कुछ सीमित लोग ही हैं, बताया तो यह भी जा रहा इस टेंडर अब तक सबसे कम ब्लों यानी कम घाटे में खुलने वाला है।खबर यह भी यह खेल इस्टीमेट बनाने से ही शुरू हो जाता है। जो काम एक लाख में हो जाना चाहिए, अभियंता उसे ढेड़ लाख रुपया का दिखाता इस्टीमेंट तैयार करता है। इस वहाने वाकी पैसे की बंटवारा कर लिया जाता है। कमीशन के खेल की बजह से नगर में विकास कार्य होने के कुछ समय बाद ही बदहाली जा जाती है। यानी की कितनी सड़क पिछले पांच साल में तीन तीन बार डाली गयी है। तो कुछ क्षेत्रों एक बार भी सड़कों का निर्माण नहीं हुआ।

 

गुरुवार को नगर निगम प्रशासन और मेयर के खिलाफ कांग्रेसियों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर अनियमितताओं और मनमानी की निष्पक्ष जांच की मांग की।
कार्यवाहक महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने नगर निगम के खिलाफ कलेक्टेट में नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सीपी शर्मा ने कहा कि नगर निगम बोर्ड द्वारा पारित प्रस्तावों को पूल के जरिये टेन्डर वितरण कर अपने चहेते ठेकेदारों भाजपा समर्पित ठेकेदारों को कार्य दिया जा रहा है। साथ ही कहा कि जिन कालोनियों में कालोनाइजरों द्वारा सड़कें नालियों आदि का निर्माण कराया जाना था उनमें मेयर ने अपना निजी हित लाभ लेने के उद्देश्य से लाऽों का गोलमाल कर उन कालानियों में सड़कों एवं नालियों का निर्माण कराया जा रहा है। मेयर अपने चहेते ठेकेदारों का भुगतान करा रहे हैं जबकि कांग्रेस समर्पित ठेकेदारों के लिए बजट न होने का बहाना कर उन्हे भुगतान नहीं कर रहे हैं। कांग्रेसियों ने कहा कि नगर निगम द्वारा 45 टेण्डरों को पूल के जरिये अपने चहेते ठेकेदारों को कार्य दिये गये हैं जो कि टेण्डर नियमों एवं शर्तों के विपरीत है। मेयर अपने चहेते ठकेदारों को काम देकर आवंटित धन का दुरूपयोग कर रहे हैं। नगर निगम क्षेत्रन्तर्गत कई कालानिया में जो विकास कार्य किये जा रहे हैं उन कालोनियों में समितियाँ बनाकर विकास शुल्क कालानीवालों से वसूला जाता है व विकास कार्य किन मदों में खर्च होता है उसका कुछ पता नहीं। जबकि सड़कें, नालियां बिजली की समुचित व्यवस्था करने की जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। इस तरह से सम्पूर्ण नगर निगम क्षेत्र में करोड़ों रूपयों का गोल माल हो रहा है। मलिन बस्तियाँ मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। कांग्रेसियों ने कहा कि मेयर बिना कोरम पूरा किये ही बोर्ड की मीटिंग में प्रस्तावों को पारित करा रहे हैं। काग्रेस समर्थित पार्षदों को बोर्ड की मीटिंग में बोलने का मौका भी नहीं दिया जाता। बोर्ड में पूर्व में पारित 45 टेण्डरों पर कार्य न करवाकर अपनी मनमर्जी से कार्य कराये जा रहे हैं। कांग्रेसियों ने डीएम को सौंपे ज्ञापन में मेयर की कार्य शैली एवं बोर्ड में पारित प्रस्तावों की निष्पक्ष जाँच कर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो निगम के खिलाफ आंदोलन तेज किया जायेगा। विरोध प्रदर्शन में पार्षद मोनू निषाद, मोहन खेड़ा, सुनील आर्या, गोपाल भसीन, गोला, बाबू, सुशील मण्डल, सतीश, मोहन भारद्वाज,मानस बैरागी, प्रीति साना आदि सहित कई कांग्रेसी थे।

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