कांग्रेस की गुटबाजी,एक ट्रेन की दो पटरियां। महानगर अध्यक्ष की बैगर रायसुमारी के मीना गुट के रंजीत बने युवा कांग्रेस के अध्यक्ष।एक दूसरे को कभी नहीं करेंगे स्वीकार। पार्टी का गुटबाजी से होगा बंटाधार
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। यूं तो कांग्रेस पार्टी पूरे देश में अंतिम पड़ाव है। कभी पूरे देश में राज्य कराने वाली पार्टी अब कुछ राज्यों तक सीमित हो गयी। वही उत्तराखंड में भी पार्टी का हाल किसी से छिपा नहीं है। गुटबाजी पूरे चर्म पर है। पार्टी के लोगों में भगदड़ मची हुई है। इसके लिए पार्टी के वो लोग जिम्मेदार है जो पद और कद दोनों पर हर हाल में जमें रहना चाहते हैं। पार्टी के नेताओं का यह हाल नीचे से ऊपर तक है।
उदाहरण के लिए रुद्रपुर को ही ले लें। यह क्षेत्र कभी कांग्रेस का गढ रहा है।आज भी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस दूसरे नंबर की बड़ी पार्टी है। लेकिन ऊपर से नीचे तक चल रही गुटबाजी ने पार्टी का सत्यानाश कर दिया है।
अभी कुछ दिनों पहले पार्टी हाईकमान ने पार्टी को नई ऊर्जा देने के लिए सीपी शर्मा को महानगर अध्यक्ष बनाया तो पार्टी के पूर्व धड़ेदारों ने गदरपुर मचा दिया। आलम यह तक की पार्टी के नेताओं ने दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर जमकर पार्टी के ही किरकिरी कराई। यह तक के पूर्व धडेदारो ने नव नियुक्त अध्यक्ष का स्वागत तक नहीं किया। यह मामला अभी तक थमा नहीं है। इधर पार्टी के हाईकमान ने रनजीत सिंह राणा को कांग्रेस नगर अध्यक्ष युवा घोषित कर दिया। पार्टी ने जिसे नगर अध्यक्ष युवा घोषित किया है। वह वर्तमान महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा का विरोधी माने जाते हैं। बताया जा है कांग्रेस नगर अध्यक्ष नियुक्ति से पहले महानगर अध्यक्ष से संगठन ने कोई राय सुमारी भी नहीं किया है। और न ही ही मुख्य नगर अध्यक्ष को इसकी जानकारी दी गयी। ऐसा नहीं की कांग्रेस में युवा नगर अध्यक्ष पहली बार बना है। लेकिन इससे पहले जो भी युवा नगर अध्यक्ष बना है,वह नगर अध्यक्ष की सहमति से बना है, लेकिन इस बार पार्टी ने ऐसा न करके पार्टी को दो गुटों में बांटने का का किया है,जो आने वाले समय पार्टी की कमजोरी साबित होगी।
यानी की मतलब साफ की रुद्रपुर में दो कांग्रेस जन्म ले चुकी है। और आने दिनों में इसका असर भी देखने को मिलेगा।