कांवड़ यात्रियों का मजाक मत उडाइए।उस अवस्था में कष्ट भोगकर देखों। रुद्रपुर के पंडित मुकेश वशिष्ठ ने उपहास उड़ाने वालों को दिया जबाब। अस्वस्थ होने के बाद भी लाठी लेकर निकले हैं कांवर यात्रा पर।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। सावन के महीने में उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में कांवड़ यात्रा का पर्व चल रहा है।बोले भक्त दूर दूर से कांवड लेने हरिद्वार जा रहे हैं,इसी बीच कुछ ऐसी खबरें भी समाने आ रही है,जो बोले भक्तों का मनोबल तोड़ने का काम कर रही है। लेकिन कांवड़ यात्रा इतनी आसान नहीं है। और सब के बस की भी नहीं है। कांवड़ यात्रा पर निकले रुद्रपुर के मुकेश वशिष्ठ ने कांवड़ यात्रा का मजाक बनाने वालों को दिया है। यूं तो मुकेश का पिछले कुछ दिनों से स्वस्थ ठीक नहीं है, लेकिन फिर भी वह लाठी लेकर कांवर यात्रा पर निकले हैं, उन्होंने लिखा है।
कांवड़ यात्रा और कांवड़ियों को पाखंड बोलने वालों पहले कावड़ लाकर देखो। उस आस्था में कष्ट भोगकर देखो।
कुछ इक्के-दुक्के गलत लोगों के कारण करोड़ों लोगों की आस्था और भावनाओं का मजाक मत बनाइए।
कांवड़ यात्रा से किसी का अहित नहीं होता है, लाखों गरीब भक्त इन दिनों में फ्री खाते हैं। लाखों कमा के खाते हैं।
जिन के पास पैसा है वो पानी के जैसे पैसा बहा के महादेव के भक्तों को होने वाले कष्टों में मदद करना चाहते हैं।
लोग ऊंच नीच जात पात से ऊपर उठकर भक्ति के रस में सराबोर हो कर हर हर महादेव बोलते हुए एकजुटता का संदेश देते हैं।
सनातनियों के यह उत्सव बाजारों में व्यापारी से लेकर तमाम भक्तों के जीवन में खुशहाली लाते हैं।
जब पहले दिन कावड़िया कावड़ उठाता है और हर रोज 40 km चलना होता है तो पहले दिन से ही महादेव का प्रसाद मिलना शुरू हो जाता है।
पैरों में छाले हो जाते हैं। जांघें लग जाती हैं। फिर छाले फूटने लगते हैं और नए होने लगते हैं। धूप बारिश गर्मी सहते हुए वो इसे मजाक में नहीं अपनी भक्ति की शक्ति से ही इस यात्रा को पूरी कर पाते हैं। कुछ लोग बीच में छोड़कर हिम्मत हार जाते हैं।
जब आप किसी की मेहनत का मजाक घर में बैठकर उड़ाते हैं तो आप सिर्फ एक कुंठित हो सकते हैं। सही इंसान बिना कर्म किये बकवास नहीं करेगा। वो अपने घर से खर्च करके जा रहे हैं, कहीं से चोरी करके नहीं।
एक बार कष्ट भोग कर कावड़ लाकर दिखाइये, फिर बताइये कि कावड़ में हुड़दंग होता है या आस्था होती है।
मानता हूं कि कुछ इक्के-दुक्के गलत हर जगह होते हैं।
नए लड़को में जोश है, उत्साह है, कुछ डाक कावड़ में कुछ हुड़दंग कर देते हैं लेकिन वो सब भी समाज और देश की रक्षा करने वाले होते हैं, जो अपना फिटनेस टेस्ट डाक कावड़ लाकर देते हैं और बिना रुके 24 घण्टे के अंदर सैंकड़ों किलोमीटर दौड़ते हैं। गूदा है तो उनके साथ दौड़ के देखिये, या पैदल दस दिन वजन उठाकर चल कर देखिये।
ये सोशल मीडिया है कुछ लोग यहीं बकवास कर सकते हैं, किसी कांवड़िये के सामने मत बोल देना कि पाखंड है।
श्रद्धा, भक्ति और आस्था के प्रतीक कावड़ यात्रा की सब देशवासियों को शुभकामनाएं। फोटो पिछले साल की है
हर हर महादेव🚩🚩