काशीपुर में सामिया जैसी ठगी, फर्जी रजिस्ट्री करके फौजी से ठग लिए 17 लाख।बिल्डर समेत तीन पर मुकदमा,एक गिरफ्तार।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। ऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर में सामिया लेक सिटी में हुई महाठगी का मामला किसी से छिपा नहीं है,वहीं अव काशीपुर में एक बिल्डर अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में है। बताया जाता की बिल्डर समेत तीन लोगों ने दूसरे का प्लॉट दिखाकर फौजी से धोखाधड़ी कर 17 लाख हड़पने के मामले में कोतवाली पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
हरिद्वार जिले के ग्राम सज्जनपुर पीली निवासी मनीष कुमार ने कुंडेश्वरी चौकी पुलिस को तहरीर देकर कहा कि वह फौज में नौकरी करता है। उसके रिश्तेदार ब्रिजेश कुमार शर्मा निवासी ग्राम नीझड़ा ने एक प्लाट दिलवाने के लिए काशीपुर बुलाया था।
नवंबर 2016 में वह अपनी बहन मोनिका निवासी हरिद्वार के साथ काशीपुर में ब्रिजेश कुमार शर्मा के घर आया। वहां पर उसको ब्रिजेश के दोस्त गोपाल सिंह बिष्ट निवासी पर्वतीय एन्क्लेव मानपुर रोड काशीपुर मिले। दोनों ने उसको रामनगर रोड काशीपुर पर प्लाट दिखाने की बात कही। दोनो लोग उसको प्लाट मालिक अजीत गुप्ता निवासी मौ. काजीबाग के घर पर ले गये। वहां से तीनों व्यक्ति उसको व उसकी बहन को ग्राम लक्ष्मीपुर लच्छी रामनगर रोड काशीपुर पर ले गये। वहां पर उन्हें एक प्लाट दिखाया और बताया कि यह प्लाट अजीत गुप्ता का है और हम इस प्लाट पर दो साल में मकान बनाकर दे देंगे। उसे व उसकी बहन को प्लाट पसंद आया और प्लाट पर मकान बनाने सहित 17 लाख रुपये की कीमत तय हुई। इसके बाद तीनों लोगों ने उसके नाम से एचडीएफसी बैंक शाखा काशीपुर के हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन से 15 लाख का हाउजिंग लोन भी स्वीकृत कराया। जिसमें से 14 लाख रुपये का भुगतान सीधे बैंक से रजिस्ट्री के वक्त बैंक द्वारा अजीत गुप्ता ने 30 मार्च 2017 को प्राप्त कर लिया।
3 लाख रुपये नकद उसने अजीत गुप्ता को गोपाल बिष्ट व ब्रिजेश शर्मा के जरिये अदा कर दिये। 30 मार्च 2017 को बैनामा व दाखिल खारिज होने के बाद वह तथा बहन लगभग 2 वर्ष बाद खरीदे गए प्लाट पर गये तो देखा कि वहां पर प्लाट के बैनामे की नाप का कोई मकान बना हुआ नहीं है, न ही उक्त नाप का कोई प्लाट मौके पर है। उस स्थान पर मकान बने हुए थे और अलग अलग लोग उन मकानों में रह रहे थे। जब उन लोगों से अपने प्लाट व मकान के संबंध में पूछा तो तीनों लोग टाल मटोल करते रहे और कहने लगे कि हम तुम्हारा मकान जरूर देंगे। यह कहते हुए उसको यह लोग वेबकूफ बनाते रहे। फौज में नौकरी से छुट्टी न मिलने के कारण इनके झांसे में आता रहा। काफी समय गुजरने के बाद भी इन तीनों लोगों ने उसको मकान नहीं दिया और तीनों ने एक राय होकर एक षड्यंत्र के तहत किसी अन्य व्यक्ति के प्लाट को दिखाकर फर्जी प्लाट की फर्जी रजिस्ट्री उसके नाम करा दी। धोखाधड़ी कर 17 लाख रुपये की रकम हड़प कर ली। ये तीनों लोग उसे लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे। पुलिस ने तहरीर के आधार पर तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की थी। पुलिस ने आरोपी गोपाल सिंह बिष्ट को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया है।