कृमि दिवस पर ऊधमसिंहनगर में 7.11 लाख बच्चों को खिलाई जायेगी एल्बेंडाजोल। जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने समीक्षा बैठक में दिए प्रत्येक बच्चे को दवा खिलानें के निर्देश।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। जिलाधिकारी उदयराज सिंह ने 22 अगस्त, 2023 को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के सम्बन्ध में चल रही तैयारियों की कलेक्टेªट सभागार में समीक्षा की।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी सरकारी, सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों, महाविद्यालयों, तकनीकी संस्था, मदरसों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि एक भी बच्चा दवाई खाने से वंचित न रहे। उन्होंने निर्देश दिये कि महाविद्यालयों, तकनीकि शिक्षण संस्थानों के साथ ही पैरामेडिकल कॉलेजों में भी 19 वर्ष तक की आयु वर्ग विद्यार्थियों को चिन्हित करते हुए दवाई खिलाई जाये। उन्होंने स्कूल न जाने वाले सभी बालक, बालिकाओं, श्रमिक के बच्चों एवं घुमन्तू बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री के माध्यम से कृमि नाशक दवा एल्बेंण्डाजॉल खिलाने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि कृमि मुक्ति दिवस पर दवाई खाने से वंचित बच्चों को 29 अगस्त, 2023 को मॉप-अप दिवस पर दवाई खिलाई जाये। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी स्कूलों, कॉलेजों, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दवाई समय से पहुॅच जाये। उन्होंने सभी विद्यालयों, मदरसों, आंगनबाड़ी केन्द्रों के नोडल अधिकारियों को दवाई खिलाने के तरीके एवं मानक संचालन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिये।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 राजेश आर्य ने बताया कि जनपद में 01 से 19 वर्ष तक के 711887 बच्चों को दवाई खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि जनपद स्तरीय इमर्जेन्सी रेस्पोंस टीम में डिस्ट्रिक्ट नोडल ऑफीसर डॉ.हरेन्द्र मलिक को रखा गया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 8 ब्लॉक स्तरीय इमर्जेन्सी रेस्पोन्स टीमे बनाई गई हैं।
डॉ0 आर्य ने बताया कि 1 से 2 साल तक बच्चों को आधी टेबलेट तथा 03 साल तक के बच्चों को पूरी टेबलेट पानी में घोलकर पिलाई जायेंगी। उन्होंने बताया कि 3 से 19 वर्ष से बच्चों को पूरी गोली चबा-चबा कर खिलाई जायेगी। उन्होंने बताया कि 01 से 19 साल के सभी बच्चों (लड़कों एवं लड़कियों) को आन्त के कृमि संक्रमण का खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि कृमि मनुष्य की आन्त में रहकर, मानव शरीर ऊतकों से जरूरी पोषक तत्वों को खाते हैं, जिससे बच्चों में कुपोषण एवं खून की कमी होने लगती है तथा बच्चों की कार्य क्षमता घटने लगती है। उन्होंने बताया कि तीव्र संक्रमण के कारण बच्चे थके हुए एवं अकसर बीमार रहने लगते हैं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश चन्द्र त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप सिंह, डीपीएम हिमांशु मशूनी, जावेद अहमद, पूरनमल, आरकेएसके, मो0 आमिर खां, निधि शर्मा, सहित जनपद के एमओआईसी एवं सम्बन्धित विभाग के अधिकारी वर्चुअल के माध्यम से जुडे़ थे।
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