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उधमसिंह नगर

केसर चीनी मिल की विवादित भूमि पर 35 परिवारों को मिलेगा मलिकाना हक। भूमि पर कब्जा लेने वाली पन्ना विनय शाह ने किया ऐलान। सोमवार को 45 परिवारों के नाम होगी रजिस्ट्री

ए,ए, तन्हा
किच्छा। खुरपिया में स्थित केसर एंटरप्राइजेज की विवादित भूमि पर सरकारी तन्त्र के सहयोग से कब्ज़ा लेने वाली  पन्ना विनय शाह पुत्री जीवन लाल ने विवादित भूमि पर वर्षों से काबिज़ पैंतीस परिवारों को रिहायशी काबिज़ भूमि को दान करने की घोषणा की है साथ ही कहा कि तीन दिन के भीतर सरकारी लिखा पढ़ी कराने के बाद वह मुम्बई लौटेगी।

 


बीती 25 मार्च को पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से खुरपिया स्थित केसर एंटरप्राइजेज की विवादित भूमि पर श्रीमती पन्ना विनय शाह पुत्री जीवन लाल ने कब्जा ले लिया है। तब से श्रीमती पन्ना विनय शाह के कर्मचारियों ने भूमि की देखभाल शुरू कर दी है। रविवार को श्रीमती पन्ना विनय शाह कार्तिक किला चन्द्र, एडवोकेट दीपक गोयल, तो तुषार अग्रवाल के साथ खुरपिया स्थित विवादित भूमि पर पहुंची। वहां पहले से मौजूद खुरपिया फार्म में लम्बे समय से कार्यरत कर्मचारियों के परिजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस भूमि पर उक्त परिवारों के रिहायशी भवनों है जिसमें वह लोग रह रहे हैं। सभी 35 परिवारों को विस्थापित नहीं किया जाएगा बल्कि उसी भूमि पर उनको मालिकाना हक देते हुए उक्त भूमि को सरकारी लिखा पढ़ी कराते हुए उनको दान दे रहीं हैं। जिस पर मौजूद परिवारों से भूमि की मालकिन पन्ना विनय शाह पे पैर छूकर आभार व्यक्त किया। पन्ना विनय शाह ने कहा कि वह तीन दिन के लिए उत्तराखंड में है तथा तीन दिन में सब कागज़ी कारवाई करने के बाद मुम्बई लौट जाएगी। विदित रहे कि लम्बे समय से उक्त भूमि पर केसर एंटरप्राइजेज बहेड़ी का कब्जा था जिसे प्रशासन ने कब्जा मुक्त कराते हुए श्रीमती पन्ना विनय शाह को कब्जा दिला दिया है।
फोटो केसीएचपी पी0 01 किच्छा खुरपिया की भूमि पर काबिज परिवारों को भूमि दान देने की घोषणा करतीं पन्ना विनय शाह वह उपस्थित कर्मचारी परिवार।
फोटो केसीएचपी पी0 2 किच्छा मौके पर मौजूद काबिज कर्मचारी परिवार।
बाक्स —–पत्रकारों से वार्ता करते हुए श्रीमती पन्ना विनय शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गुणगान करते हुए कहा कि वह देश के लिए तथा धामी जी उत्तराखंड के लिए बेहतर काम कर रहे हैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहती हूं कि उनकी हक की लड़ाई में उत्तराखंड प्रशासन ने इमानदारी से दस्तावेजों के आधार पर उनको न्याय दिलाया वह जिला एवं तहसील प्रशासन व पुलिस प्रशासन का भी आभार व्यक्त करतीं हैं।

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