उत्तराखंड

गाय के गोबर से महिलाएं तय कर रहीं समृद्धि का रास्ता। स्वरोजगार के कुल रहे द्वार,का नाड़ा भेजें जा रहे दीपक

नारायण सिंह रावत
सितारगंज। अब दूध नहीं देने वाली गाय भी उपयोगी साबित हो रही है। गाय के गोबर से दर्जनों महिलाएं समृद्धि का रास्ता तय कर रहीं हैं।
 गोबर से तैयार विभिन्न उत्पाद से महिलाओं को आर्थिक लाभ मिल रहा है। महिलाएं घर बैठे ही पांच हजार रुपये तक कमा लेती हैं। निर्मला डेवलपमेंट एवं रिसर्च सोसायटी की ट्रेनर भगवती लोधियाल बतातीं है कि  वह अब तक पंतनगर, जवाहर नगर, नैनीताल दो गांव और हरिद्वार में 250 महिलाओं को गाय के गोबर से विभिन्न उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दे चुकीं हैं।
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ये उत्पाद होते हैं तैयार
गाय के गोबर से महिलाएं दीये, धूप, सजावटी सामान, सजावटी घड़ी, चप्पलें, स्वास्तिक और चूड़ियां तैयार करती हैं।
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ऐसे तैयार होता है गोबर से सामान
गाय के गोबर से प्रोडक्ट बनाने के लिए ताजा या सूखा गोबर उसे मजबूत बनाने के लिए बारगम पाउडर, मैदा,लकड़ी का या इमली के बीजों का पाउडर मिलाया जाता है।  बने हुए सामान को कलर करने के बाद उसमें चमक के लिए अलसी का तेल या पपीते का दूध मिलाया जाता है।
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महिलाओं को ऐसे मिल है रोजगार
महिलाओं को प्रशिक्षित करने वाली भगवती लोधियाल ने बताया कि महिलाओं से तैयार उत्पाद को वह सोसायटी खरीद लेती है। इसके बाद उसे सरकार की ओर से लगने वाले मेले स्टाल लगाकर बेचा जाता है। काम लागत के कारण महिलाओं को अच्छी आमदनी हो जाती है।
कनाडा में भी भेजे  गए दीये
भगवती लोधियाल ने बताया कि गाय के गोबर से तैयार दीयों की मांग की जगह है। वह इन दीयों को कनाडा भेज चुकी हैं।
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