जिला अस्पताल में नवजात की मौत पर हंगामा। परिजनों ने डाक्टरों पर लगाए गंभीर आरोप।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। ऊधमसिंहनगर के जिला अस्पताल के एक प्रसब के बाद बच्चे की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। परिजनों ने डॉक्टर पर नशे की हालत में गर्भवती महिला वकील का ऑपरेशन करने का आरोप लगा है। आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के चलते नवजात की मौत हो गई। शिशु के शरीर पर ब्लेड के कट के निशान पाए गए हैं। घटना से गुस्साए परिजनों ने जिला अस्पताल पर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पुलिस ने पहुंचकर सभी को शांत कराया। मामले की जांच की जा रही है।
बस अड्डा कॉलोनी गदरपुर निवासी फईम की पत्नी नगमा जिला न्यायालय में अधिवक्ता हैं। नगमा के भाई अमीर के अनुसार शनिवार की सुबह प्रसव पीड़ा होने पर सुबह करीब नौ बजे नगमा को जिला अस्पताल ले जाया गया। जिला अस्पताल में भर्ती के दौरान डॉक्टरों ने कहा कि शिशु नॉर्मल होगा जबकि शाम सात बजे डॉक्टरों ने कहा कि नगमा का ऑपरेशन करना पड़ेगा। इस पर परिजन राजी हो गए।
अमीर का कहना है कि ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने कुछ नहीं बताया और वह नवजात को सीधे आईसीयू में ले गए। आईसीयू से करीब पांच मिनट बाद निकलकर डॉक्टर ने बताया कि नवजात मृत पैदा हुआ है जबकि नगमा के परिजनों का कहना है कि शिशु स्वस्थ पैदा हुआ था। शिशु के हाथ, आंख और गले पर ब्लेड के कट के निशान मिले हैं।
इसके बाद रात करीब 10 बजे परिजनों ने वहां जमकर हंगामा किया और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर नशे में था और उसकी लापरवाही के चलते नवजात की मौत हुई है। परिजनों ने मांग की कि डॉक्टर का मेडिकल परीक्षण कराया जाए। सूचना पर सिडकुल पुलिस ने पहुंचकर सभी को शांत कराया और मामले की जांच पड़ताल शुरू की। सूचना पर पहुंचे सीओ पंतनगर तपेश चंद्र ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कछ कहा जा सकेगा।
इधर सीएमओ डॉ. सुनीता चुफाल रतूड़ी ने बताया की डॉक्टर ने शराब पीकर ऑपरेशन नहीं किया है। शिशु पेट में ही मर गया था जिस कारण गर्भवती का ऑपरेशन करना पड़ा। ऑपरेशन के दौरान गर्भवती को काफी ब्लीडिंग हो रही थी और उसे चार यूनिट खून चढ़ाया गया। गर्भवती को एसटीएच हल्द्वानी के लिए रेफर किया गया है। –