पुलिस की डोर हुई कमजोर,अब दरोगा पर बाइक चढाने वाला निगरानी से फरार। पिछले सप्ताह काशीपुर से भी अल्मोड़ा जेल में बंद कुख्यात गौ तस्कर हों गया था फरार। एक दर्जन से अधिक बदमाश पुलिस कस्टडी से हो चुके हैं फरार।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। सिडकुल क्षेत्र में उपनिरीक्षक मोहन भट्ट पर बाइक चढाने का दुस्साहस करने का आरोपी पुलिस निगरानी से फरार हो गया है। जिससे पुलिस में हड़कंप मचा है,तो कई सवाल भी उठ रहे हैं।कहां जा रहा की अपराधियों पर पुलिस की डोर कमजोर हो गयी।फरार संजू पुत्र प्रेम सिंह ट्रांजिट कैंप का रहने वाला था।संजू दरोगा पर बाइक चढाने के दौरान घायल हुआ। पुलिस अधिकारियों का कहना है,उसे अभी गिरफ्तार नहीं किया गया, जबकि उसके उपचार के दौरान हथकड़ी निकलकर भागने की बात कही जा रही हैं। पिछले सप्ताह काशीपुर से भी अल्मोड़ा का कैदी फरार हो गया, जिसमें पुलिस कर्मियों की घोर लापरवाही की खबरें भी समाने आ रही है,उसे अभी पकड़ा नहीं जा सका है,कि एक और बदमाश पुलिस निगरानी से फरार हो गया है।
ऊधमसिंहनगर में इससे पहले भी एक दर्जन से अधिक बदमाश पुलिस कस्टडी से 10 सालों के बीच में फरार हो चुके हैं। वहीं दो बदमाशों का पांच साल भी पुलिस सुराग नहीं लगा सकी है। हालांकि उनमें से एक बदमाश की तो देश में होने की संभावना है कि जबकि दूसरे की नेपाल में होने की पुष्टि है। दोनों पर पुलिस ने इनाम रखा है और उनके बारे में इनपुट जुटाती रहती हैं। वहीं अब तीसरा मामला पुलिस के लिए चुनौती बन गया है।
काशीपुर में आरोपी के पुलिस कस्टडी से फरार हो जाने के बाद कई टीम आरोपी की तलाश में दबिश दे रही हैं। जबकि इससे पहले भी पुलिस भागे हुए लगभग सभी बदमाशों काे गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन दो आरोपी अब भी पुलिस के लिए चुनौती बनी हैं। वर्ष 2018 में किच्छा में बहुचर्चित समीर हत्याकांड हुआ था। इस मामले में पुलिस ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी रनदीप सिंह उर्फ राजा को मुंबई से गिरफ्तार किया। लेकिन रास्ते में हापुड़ के समीप वह पुलिस को चकमा दे कर फरार हो गया। उस पर 25,000 रुपये का इनाम है लेकिन अब तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। हालांकि उसकी अभी देश में होने की आशंका है। इसके बाद वर्ष 2020 में सितारगंज जेल में कोविड पॉजिटिव मिले तीन सजायाफ्ता कैदियों को जिला अस्पताल के कोविड सेंटर में भर्ती किया गया था। वह पुलिस को चकमा दे कर फरार हो गए थे। जिसमें पुलिस ने एक माह दो को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन तीसरा नेपाल के मूल निवासी देवेंद्र धानुक को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी। इस दौरान उस पर 10,000 रुपये का इनाम भी है। पुलिस ने इंटरपोल की मदद भी ली। लेकिन वह हत्थे नहीं चढ़ा। इस समय उसकी नेपाल में होने की संभावना है। वहीं अब आरोपी शहनवाज काशीपुर पुलिस के लिए चुनौती बना है।
पूर्व में पुलिस कस्टडी से फरार हुए आरेापी
केस – 1
1 मई 2013 को पुलिस हल्द्वानी जेल में बंद ट्रांजिट कैंप निवासी सूरज को पेश करने के लिए न्यायालय में लाई थी। इस दौरान उसे न्यायालय परिसर में बने लॉकअप में रखा गया और वह पुलिस कर्मियाें को चकमा देकर लॉकअप की खिड़की से सरिया निकालकर फरार हो गया था। बाद में पुलिस ने उसे को गिरफ्तार किया था।
केस-2
2015 में पुलिस आरोपी इंद्रजीत सिंह को हल्द्वानी जेल ले जा रही थी। नैनीताल रोड पर इंद्रजीत सिंह पुलिस वाहन का तिरपाल काटकर फरार हो गया था। इससे पुलिस महकमे में खलबली मच गई थी। करीब दो सप्ताह बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
केस-3
2016 में ट्रांजिट कैंप पुलिस एक मामले में यूपी से एक आरोपी को पकड़कर लाई थी। उससे पूछताछ के बाद पुलिस लिखा पढ़ी में लगी हुई थी। यह देख आरोपी मौका पाकर थाने से फरार हो गया था। इस पर पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी। देर रात पुलिस ने उसे मुख्य बाजार स्थित पांच मंदिर के पास से गिरफ्तार कर लिया था।
केस-4
वर्ष 2017 में धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने काशीपुर निवासी प्रकाश कांडपाल को जेल भेजा था। जेल में हालत बिगड़ने पर उसे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके साथ यूएसनगर पुलिस लाइन के दो कांस्टेबल भी थे। जब गणना में पुलिस कर्मी गायब मिले तो तलाश की गई। इस दौरान प्रकाश कांडपाल के साथ सुशीला तिवारी अस्पताल से वह भी गायब मिले थे। बाद में पुलिस ने प्रकाश कांडपाल को मुंबई से पकड़ लिया। साथ में दोनों पुलिस कर्मी भी थे।
केस-5
15 मई 2017 को पुलिस काशीपुर के गड्ढा कालोनी निवासी इरफान को पेश करने के लिए न्यायालय में लाई थी। जहां पेश करने से पहले उसे हवालात में रखा गया। इस दौरान उसने हाथ में लगी हथकड़ी को खोलकर भागने का प्रयास किया। यह देख पुलिस कर्मियों ने उसे रोका तो वह उनसे भिड़ गया। पुलिस कर्मियों को फंसाने के लिए दीवार पर अपना सिर भी दे मारा।
केस-6
10 जुलाई 2017 को काशीपुर पुलिस ने वाहन चोरी में जसपुर निवासी शमशाद को गिरफ्तार किया था। जेेल में पेट दर्द की शिकायत के बाद उसे 27 सितंबर को सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद 29 सितंबर को वह अस्पताल से फरार हो गया था। हालांकि बाद में पुलिस ने उसे काशीपुर क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया था।
मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्यवाही होगी और उन्हें निलंबित किया जाएगा। आरोपी की तलाश चल रही है। – डॉ. नीलेश आनंद भरणे। आईजी कुमाऊं।