फिल्मी अंदाज में मंडलायुक्त की रुद्रपुर तहसील में रेड,मिली खामियां ही खामियां। मंडलायुक्त के कड़े रुख से डीएम के भी छूटे पसीने।तहसीलदार,नायब तहसीलदार, नाजिर, दोनो कानूनगो तथा सर्वे लेखपाल से मांगा स्पष्टीकरण।143 की फाइल में हैंड राइटिंग की जांच को कमेटी गठित।
नरेन्द्र राठौर
रूद्रपुर । फिल्मी अंदाज में काम करने के लिए जाने जाने वाले तेजतर्रार मंडलायुक्त दीपक रावत ने बुद्धवार को तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। उनके निरीक्षण में तहसील में खामियां ही खामियां मिलीं हैं। आलम यह था की मंडलायुक्त के सवाल जबाबों के बीच अपनाएं गए कड़े रुख से डीएम युगल किशोर पंत के भी पसीने छूट गए। निरीक्षण के दौरान मण्डलायुक्त ने जनता से बातचीत की और उनकी समस्याएं जानी।
निरीक्षण के दौरान 143 की कुछ पत्रावलियों पर दर्ज की गई आपत्तियों की हैण्ड राइटिंग के बारे में तहसीलदार, नाज़िर तथा राजस्व निरीक्षकों द्वारा कोई भी जानकारी न दे पाने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए हैण्ड राइटिंग की जांच हेतु कमेटी गठित करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये। मण्डलायुक्त ने तहसील में लम्बित पुराने वाद (केसो) मामलों में नियमित तारीख न मिलने, कुछ वादो में नियमित तारीख मिलने पर भी कोई कार्यवाही अंकित न होने व कुछ फाइलों में तहसीलदार के हस्ताक्षर न मिलने पर नाराजगी व्यक्त की और सख्त निर्देश देते हुये कहा कि जनता के कार्यो में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दास्त नही की जायेगी। कुछ फाइलों में नोटसीट व रिपोर्टिगं के समय तारीख नही होने पर भी सख्त नाराजगी जताई।
निरीक्षण के दौरान मण्डलायुक्त ने दाखिल-खारिज हेतु निर्विवाद के मामलों के अधिक समय तक लम्बित रखने, एलआर एक्ट का मामला लम्बित होने, जांच आख्या में तारीख न डालने, एक फाईल पर दौबारा आपत्ति लगाने, एसडीएम कोर्ट से आने वाली 143 की फाइलों का अभिलेखीकरण सही से न पाये जाने, आरसीएमएस पोर्टल पर डाटा अपडेट न होने, कुछ फाइलों पर तहसीलदार के साइन न होने तथा सही से जानकारी न दे पाने पर नायब तहसीलदार, नाजिर, दोनो कानूनगो तथा सर्वे लेखपाल का तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण लेने के निर्देश देते हुए कहा कि स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने पर सस्पेण्ड एवं प्रतिकूल प्रवृष्टि की कार्यवाही अमल में लाने व सर्वे लेखपाल को अपने मूल विभाग बन्दोबस्त में वापस भेजने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये। उन्होंने तहसील कार्यालय में दिनांक रहित पत्रावलियों पर सख्त नाराजगी जाहिर तहसीलदार का स्पष्टीकरण लेने के भी निर्देश जिलाधिकारी को दिये।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि फाइलों पर आवेदन, जांच रिपोर्ट तथा निस्तारण की तिथि अवश्य अंकित की जाये ताकि सम्बन्धितों की जवाबदेही एवं जिम्मेदारी निर्धारित करने में और अधिक आसानी हो।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप कार्यो को सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के आधार कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने तहसील कार्यालय का समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश उप जिलाधिकारी को दिये। उन्होंने दाखिल-खारिज के मामलों में पैरवी न होने वाले मामलों की डिटेल सभी तहसीलों से लेने के भी निर्देश दिये।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, उप जिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह, तहसीलदार नीतू डागर, नायब तहसीलदार भरत लाल, कानूनगो महेन्द्र सिंह बिष्ट, राधे सिंह राणा, सर्वे लेखपाल मनोज शर्मा आदि उपस्थित थे।
———————————–