बंगाली समाज की उपजातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने की मांग। बंगाली महासभा ने केन्द्रीय अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष के समक्ष उठाया मुद्दा
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। बंगाली महासभा उत्तराखण्ड के एक प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्रीय अनुसूचित जाति आयोग (भारत सरकार) के चेयरमैन अरुण हाल्दार से मुलाकात कर उत्तराखण्ड और यूपी में वर्षों से निवास कर रहे बंगाली समुदाय के उपजातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने की मांग मुद्दा उठाया।प्रतिनिधिमंडल ने बीते गुरुवार को नई दिल्ली के लोकनायक भवन में स्थित कार्यलय में आयोग के चेयरमैन को ज्ञापन सौंपकर कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन के बाद देश के विभिन्न राज्यों के साथ उत्तराखण्ड और यूपी में बड़ी संख्या में पूर्वी पाकिस्तान के बंगाली विस्थापितों को पुर्नवासित किया गया। मगर समुदाय आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। कहा कि देश के सात राज्यों में समुदाय की उपजाति नमो शुद्रः, पौण्ड, मांझी आदि को अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है। मगर उत्तराखण्ड और यूपी के विस्थापितों को आज तक इस सुविधा से वंचित रखा गया। समुदाय के लोग वर्षों से इस समस्या को लेकर संघर्ष कर रहे है। उत्तराखण्ड राज्य की भाजपा और कांग्रेस की सरकार भी राज्य विधानसभा में तीन बार सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेज चुकी है, मगर मामला अभी भी अधर में लटका हुआ है। आयोग के चेयरमैन ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। विभाग के अधिकारियों को समस्त पत्रावली उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष राजकुमार साह, संरक्षक हिमांशु सरकार, सुभाष सरकार, विपुल मंडल, निखिल भारत बंगाली समन्वय समिति के सचिव विनय मंडल आदि शामिल थे।