बहुचर्चित, सूदखोरी कांड में चिराग अग्रवाल को तीन साल की सजा। एक व्यक्ति को कमरे नग्गा कर बनाई थी वीडियो।चिराग के दो गुर्गों को भी हुई तीन तीन साल की सजा।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। महानगर के बहुचर्चित सूदखोर प्रकरण में जेएम/प्रथम अपर सीनियर सिविल जज नाजिश कलीम द्वारा निर्णय सुनाते हुए मुख्य आरोपी सहित तीन लोगों को तीन-तीन साल के कठोर कारावास और दस-दस हजार रुपये अंर्थदंड देने की सजा सुनाई है। सहायक अभियोजन अधिकारी पी.सी.चन्दोला ने
बताया है कि रुद्रपुर महानगर में चर्चित सूदखोर चिराग अग्रवाल अपने गुर्गो के साथ मिलकर पहले लोगों को ब्याज पर पैसा देता था और जब देनदार पूरी ब्याज सहित रकम वापिस कर देता था। तो सूदखोर चिराग अधिक ब्याज निकालकर उसको बंद कमरे में मारपीट करता व उसकी नग्न तस्वीर बनाकर वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम वसूलता था। जिसका पर्दाफाश होते ही पुलिस प्रशासन में हडकंप मच गया था और चिराग अग्रवाल चर्चा का विषय बन गया। सूदखोरी प्रकरण में थाना ट्रांजिटकैँप के रहने वाले वादी ने रिपोर्ट दर्ज कर वाई थी कि उसने 31दिसंबर 2021 को आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण आवास विकास निवासी चिराग अग्रवाल से ब्याज पर कुछ रकम ली थी। जिसे धीरे धीरे कर चुकता भी करता गया,जबकि उसने अपनी पत्नी के जेवरात तक गिरवी रखकर पैसा चुकता था। बावजूद इसके चिराग के गुर्गे देवव्रत मंडल उर्फ देवस्थ मंडल और गोविंद ढाली निवासी शिवनगर थाना ट्रांजिटकैप के खाते में पैसा डालने के बाद भी दोनों लोग मुकर गए और चिराग अग्रवाल के आदेश पर दोनों ने उसे आवास विकास स्थित एक होटल पर बुलाया और बंद कमरे में उसके साथ बेहरमी से पिटाई करते हुए नग्न वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया साथ ही 3.17लाख की जायज रकम चुकता करने के बाद भी उसके ऊपर 5.48 लाख का बकाया निकाल दिया। ज्यादा परेशान होने पर उसने 27मार्च 2022 को खुद वीडियो वायरल करते हुए पुलिस को तहरीर सौप दी थी। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी का पीछा कर चिराग अग्रवाल. देवव्रत मण्डल और गोविद ढाली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मुक़दमे की सुनवाई प्रथम अपर सीनियर सिविल जज नाजिश कलीम की अदालत में हुई। सहायक अभियोजन अधिकारी पीसी चंदोला ने अदालत के सामने नौ गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की जिरह सुनते के बाद अदालत ने मुख्य आ रोपी चिराग सहित तीन दोषियों को तीन साल कठोर कारावास की सजा सुनाई।