मोदी सरकार में खत्म हो रहा है महिलाओं का सम्मान,सीपी शर्मा।मणिपुर में महिलाओं पर बर्बता के खिलाफ कांग्रेसियों ने निकाला कैंडल मार्च।
नरेन्द्र राठौर
रूद्रपुर(खबर धमाका)। मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हिंसा के विरोध में महानगर कांग्रेस ने शनिवार को शहर के मुख्य बाजार में कैंडल मार्च निकालकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की।
पूर्व मेयर प्रत्याशी एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री ममता रानी के नेतृत्व में तमाम कांग्रेसियों ने भगत सिंह चौक पर एकत्र होकर मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हिंसा की घोर निंदा की और विरोध स्वरूप कैंडल मार्च निकाला। ममता रानी ने कहा कि हमें मणिपुर की घटना सुनते ही हम डर से कांप जाते हैं मोदी के राज में महिलाएं आत्मसम्मान खोती जा रही हैं इनकी सब बातेँ खोखली साबित हुई हैं उत्तराखण्ड का अंकिता हत्याकांड हो या मणिपुर की वीभत्स घटना नारी शक्ति को झकझोर देने वाली है इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा ने कहा कि मणिपुर पिछले दो महीने से हिंसा की चपेट में हैं लेकिन मोदी सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी है। इसलिए उसे जगाने के लिए आज यह कैंडल मार्च निकाला गया है। उन्होंने कहा कि एक ओर मणिपुर जल रहा है दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनावी प्रचार चल रहा है। प्रधानमंत्री के पास विदेश दौरे के लिए वक्त है लेकिन मणिपुर का हाल जानने के लिए उनके पास वक्त नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद मणिपुर में शांति स्थापित होने की बजाए हिंसा और बढ़ गई है। सरकार के पास मणिपुर में शांति बहाली की कोई योजना नहीं है लेकिन जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोगों से शांति अपील करने के लिए मणिपुर जाते हैं तो उन्हें रोक दिया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी प्रचार में व्यस्त हैं लेकिन किसी के पास मणिपुर जाकर वहां का हाल जानने और पीड़ितों के आंसू पोछने का वक्त नहीं है। सरेआम महिलाओं के साथ घिनौनी बर्बरता जैसा काण्ड होने के बाद भी प्रधानमंत्री मणिपुर की सरकार को बर्खास्त नहीं कर रहे हैं। सरकार संसद में भी इस पर चर्चा करने से बच रही है।
महानगर कांग्रेस अध्यक्ष सीपी शर्मा ने कहा कि मणिपुर में हिंसा को सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया जा रहा है। एक वर्ग विशेष के लोगों को वहां की सरकार का संरक्षण प्राप्त है। मणिपुर में महिलाओं से बर्बरता का जो भयानक रूप देखने को मिला है उसने आम जनमानस को झकझोर दिया है। मणिपुर के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को स्वीकार कर रहे हैं कि मणिपुर जल रहा है। इतना कुछ होने के बाद भी मणिपुर में राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया जा रहा। मणिपुर से देश पूरे विश्व में शर्मसार हो रहा है। मणिपुर में जो दृश्य सामने आ रहा है उसको देख कर पूरी दुनिया हमारा उपहास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री अपने घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें और मणिपुर सरकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करें।
महिला कांग्रेस नेत्री ममता रानी ने कहा कि भाजपा शासन में महिला और बालिकाओं पर अत्याचार बढ़े हैं। बेटियां आज कहीं भी सुरक्षित नहीं है। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद केन्द्र सरकार इस मामले पर कार्रवाई तो दूर चर्चा कराने से भी बच रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सबसे बड़ी दोषी मणिपुर सरकार है। मणिपुर सरकार के खिलाफ भी न्यायिक जांच कर कार्यवाही करनी चाहिए। लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कोई एक्शन नहीं लेना यह साफ दर्शाता है कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। भाजपा का बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा झूठा साबित हो रहा हैं।
इस अवसर पर ज्योति टम्टा, दीप्ती गर्ग, उमा सरकार, सपना गिल, बेबी सिकदर,लता, संतोष, तनुजा देवी, हरिप्रिया,मनीषा, शांति, गीता आर्य, रीना, मुनीस देवी, माया, रागिनी देवी मधु, सते देवी, विमल देवी पूनम सम्पन्न पार्षद मोहन खेड़ा, पार्षद मोहन कुमार ,सतीश कुमार, सुनील आर्या, गोपाल भसीन, नदीम खान,दिलशाद,कुवर पाल कोली, वीरेंद्र कोली पपु कोली, ओमप्रकाश,नवीन पंत रीजवाण ,सोहेल खान, राघव सिंह, हकीम जी, रवि गिरी, गौतम धरामी,नरेश सागर ,राकेश कोली, शंकर कोली, विजय कोली, हरिराम कोली, इजहार अंसारी, खगो पति विस्वास, बाबु खान, नाजिम खान, बाबु विश्वकर्मा जीतेष शर्मा, प्रकाश शर्मा भूपेंद्र कुमार, असित बाला, रियाज, मोहन कुमार नरेश शर्मा पवन गाबा पल्ली, शुभम रस्तोगी, अमन जौहरी, सीमा पाल, बबली गुप्ता लतिका सपना गिल हरिराम राजपूत आदि सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महिलाओं के नेतृत्व कैंडल मार्च में भाग लिया