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यूपी में इनकाउंटर,उमेश हत्याकांड का आरोपी ढेर। गोली लगने से एक इंस्पेक्टर भी घायल अन्य आरोपियों की धड़पकड़ का भी अभियान जारी

नरेन्द्र राठौर

यूपी के प्रयागराज में शुक्रवार को हुए उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक बदमाश अरबाज को पुलिस ने मार गिराया है. सोमवार की दोपहर अरबाज के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई है।बताया जा रहा है कि पुलिस के साथ अरबाज की धूमनगंज इलाके में नेहरू पार्क के पास मुठभेड़ हुई है। उमेश पाल पर हमला करने के बाद अरबाज का चेहरा सीसीटीवी फुटेज में आया था जो कि असद की क्रेटा कार भी चला रहा था।पता चला था कि पुरामुफ्ती के सल्लाहपुर निवासी अरबाज नाम का शातिर अपराधी हमले में शामिल था लेकिन धूमनगंज थाने में जया पाल की तरफ से दर्ज कराई एफआईआर में अरबाज का नाम नहीं था। हमलावरों की तलाश में पुलिस लगी थी। इसी बीच एसटीएफ को पता चला कि वह नीवां क्षेत्र में छिपा है। नेहरू पार्क पर एसटीएफ और एसओजी के साथ लोकल थाने की ज्‍वॉइंट टीम की उससे मुठभेड़ हो गई। उसने पुलिस पर गोली चलाई जिससे एक सिपाही जख्मी हो गया और थाना धूमनगंज के इंस्पेक्टर राजेश मौर्या के हाथ मे गोली लगी है जिनकी हालात गंभीर बनी हुई है।हालांकि पुलिस पर फायरिंग के बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्यवाही कर उसे गोली मारी। गोली उसके सीने और पैर में गोली लगी। धूमनगंज पुलिस ने घायल अरबाज को इलाज के लिए स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल लाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। साल 2005 के बसपा विधायक राजू हत्याकांड में उमेश पाल अहम गवाह थे। इस हत्याकांड के पूर्व सांसद अतीक अहमद आरोपी हैं। पुलिस के अनुसार, उमेश पाल पर उस वक्त हमला किया गया, जब वह कहीं से अपने घर लौट रहे थे। जैसे ही वह गाड़ी से उतरे उस पर एक युवक ने फायरिंग शुरू कर दी। जबकि दूसरे युवक उन पर बम बरसाने शुरू कर दिए। यह पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई।प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया था, “शाम करीब पांच बजे उमेश पाल पर हमले की जानकारी मिली थी। जैसे ही वह अपने घर पहुंचे, उन पर हमला कर दिया गया. इस घटना में उमेश पाल की मौत हो गई।
सीसीटीवी में उमेश पाल के घर के सामने अपराधी गोलियां और बम से हमले करते हुए कैद हुए थे. मौके पर मौजूद लोगों के जरिये शूटर्स के स्केच भी पुलिस की तरफ से बनवाया गया था।इसके बाद चिन्हित किये गए शूटर्स को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ की कई टीमों की तरफ से छापेमारी की गई. प्रयागराज के अलावा पूर्वांचल, सहित यूपी के कई जिलों और एमपी में भी यह छापेमारी की गई थी.

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