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उधमसिंह नगर

रुद्रपुर में सरकारी नाले पर आलीशान कोठियां, बहुमंजिला कंपलेक्स। शहर के सबसे बड़े नाले पर 400 से ज्यादा अतिक्रमण। महानगर के एक दर्जन कालौनियां का पानी निकालता है बाहर। नगर निगम का शौचालय भी नाले के ऊपर। कैसे हुआ अतिक्रमण, सिस्टम पर सवाल

नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। सरकारी नाले पर 400 मकान,आप सुनकर भले ही हैरान हो रहे हो, लेकिन उत्तराखंड के रुद्रपुर महानगर में ऐसा हुआ है। सरकारी नाले पर इतनी बड़ी संख्या आलीशान कोठियां,तीन मंजिला कोम्प्लेक्स, धार्मिक स्थल कैसे बन गए इसका जबाब किसी के पास नही है। मजेदार बात यह की इन सभी घरों में शौचालय का गटर नहीं बना है, शौचालय का मूल सीधे पाइक की मदद से नाले में डाला जा रहा है, लेकिन नगर निगम के अफसर से स्वच्छ भारत की तर्ज पर रुद्रपुर का सपना दिखाते हैं, उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

रुद्रपुर के सबसे बड़े नाले पर हुए अतिक्रमण का दृश्य 
आपको बता दें शहर का पानी कल्याणी नदी में छोड़ने के लिए इंद्राकालौनी से बड़ा नाल बना हुआ है,यह नारा घास मंडी, सुभाष कालौनी,आर आर क्वार्टर, गांधी कालौनी होते हुए कल्याणी नदी तक पहुंचा। करीब एक किलोमीटर लंबे इस नाले में मुख्य बाजार, सुभाष कालौनी और गांधी कालौनी के नारे भी जुड़े हैं। लेकिन भला हो अतिक्रमणकारियों का और सोते हुए सिस्टम का ,की यह नाला कहीं कहीं ही नजर आता है,यानी एक किलोमीटर लंबे नाले पर एक मंजिला से लेकर पांच मंजिला भवन, कोम्प्लेक्स, कारखाने, शौचालय, धार्मिक स्थल तक बन गए हैं,ऐसा नहीं की यह निर्माण एक तो दिन या अभी हाल में ही हुए हैं,यह सब पुराने निर्माण है, लेकिन नगर निगम के अफसरों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, जबकि सुप्रीम कोर्ट नदी,नाले, सरकारी सड़कों , सिंचाई विभाग की नहरों और सम्पत्तियों को कब्जा मुक्त कराने का आदेश दे चुका है, लेकिन रुद्रपुर में सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू नहीं हो पा रहा है। अतिक्रमण कराने वाले खामोश बैठे हुए।
पिछले माह प्रतिज्ञा दा ओथ फाउंडेशन की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट डीएम ऊधमसिंहनगर और नगर आयुक्त को अतिक्रमण हटाने का आदेश भी कर चुका है, लेकिन इसके बाद भी अफसरों के कानों में जूं नहीं रेंगी है।

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