विशेष,फिर चर्चा में आए ठुकराल,कल तक जिन्हें दुश्मन बताते थे उन्हें दे रहे बधाई। शोसल मीडिया पर छिड़ी बहस, ठुकराल के इस बदलाव की आखिर बजह क्या है?
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। कभी अपने आपको को हिन्दू ह्रदय सम्राट करके सीना ठोकने और लोगों के समाने एक विषेष धर्म को अपना दुश्मन बताने वाले रुद्रपुर के पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल अब बदल गए हैं। उनके इस बदलाव की बजह क्या है यह तो सभी जानते हैं। लेकिन शोसल मीडिया पर आयी एक फोटो को लेकर बहस छिड़ गयी है। हर कोई अपने हिसाब से इसका मतलब निकाला रहा है।
रुद्रपुर के पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल किसी परिचय के मोहताज नहीं है। छात्र राजनीति से मुख्य राजनीतिक में आये ठुकराल का विजय रथ 2022 में तब थमा था जब भाजपा ने उनके बड़बोले पन की बजह से टिकट काट दिया। वह छात्र संघ अध्यक्ष, पालिकाध्यक्ष और दो बार विधायक भी बने चुके हैं। रुद्रपुर में वर्ष 2011 में हुए दंगे में हिन्दुओं का बचाने का श्रेय भी उन्होंने सीना ठोककर कर लिया था। वह अक्सर अपनी सभाओं में एक विशेष धर्म पर निशाना साधते भी नजर आते थे,साथ ही कहते थे उन्हें सिर्फ हिन्दुओं का वोट चाहिए।वह दूसरे धर्म के लोगों से कोई वास्ता नहीं नहीं रखते। ठुकराल की कई वीडियो भी वायरल हुई थी, जिन्हें शहर के अधिकांश लोगों ने सुना होगा। ठुकराल यह भी कहते नजर आते थे की वह ऐसे लोगों के घर खाना तो दूर पानी भी नहीं पियेंगे।टिकट कटने के बाद जब उन्होंने निर्दलीय ताल ठोंकी थी,तब भी अपने आपको हिन्दू ह्रदय सम्राट साबित कर वोट बटोरे थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनकी चाल बदल गयी। अब ठुकराल जो कल तक सिर्फ हिन्दू ह्रदय सम्राट बने होने का दावा कर रहे थे,वो अब भाईचारा में यकीन करने लगे हैं। आखिर इसके पीछे मुख्य बजह यह भी जानना जरूरी है।
राजनीति पंडितों की मानें तो भाजपा में जाने के उनके रास्ते फिलहाल बंद हो चुके हैं। ठुकराल को राजनीति भी करनी है। और ऐसा तभी होगा जब वह किसी मजबूत पार्टी का दामन थामेंगे। पिछले काफी दिनों से उनके कांग्रेस में जाने की चर्चाएं भी चल रही है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के साथ उनकी कई बैठकें भी हो चुकी है। बताया जाता की इसी लिहाज से ठुकराल जो कल तक हिन्दू ह्रदय सम्राट बने हुए थे वह अपने आपको बदल रहे हैं। ठुकराल ने दूसरे धर्म के लोगों को गले लगाना शुरू कर दिया है। वैसे यह कोई हैरानी की बात नहीं है,राजनीति में मतदाताओं को गुमराह के लिए नेता अब गिरगिट की तरह रंग बदल दे यह कोई नहीं बता सकता है।इसी को राजनीति कहते हैं। कहते की नेता जो कहता उसका ठीक उलट अंदाज लगाना चाहिए है। यानी की ठुकराल जो पहले कहते थे वह सिर्फ दिखावा था।असली चेहरा और भाईचारा अब देखने को मिल रहा है
फिलहाल ठुकराल एक बार फिर चर्चा में है। उनके फोटो को लेकर चर्चाएं और बहस दोनों छिड़ी है।