उधमसिंह नगर

शिव का बड़ा कद,शुक्ला के कतरे पर!पंत विधि प्रबंधन कमेटी का विधायक शिव अरोरा को बने सदस्य, पूर्व विधायक शुक्ला की छुट्टी। सरकार चाहती तो शुक्ला को फिर कर सकती थी नामिनेट।तो क्या पूर्व विधायक से दूरी बनाने लगी भाजपा!

नरेन्द्र राठौर

रुद्रपुर। भाजपा में अनुसासन सर्वोपरी है,जो अनुशासन में रहता है,उसको लगातार आगे बढ़ने का मौका मिलता है,तो अनुशासनहीनता करने वालों को पार्टी धीरे धीरे किनारा दिखा देती है। ऊधमसिंहनगर में पिछले कुछ दिनों से जो रहा है,वह इसका उदाहरण है।जिससे भाजपा के उन पुरोधाओं को सबक लेने की जरूरत है,जो अपने कर्मों से ही पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाने का रोना रो रहे हैं।

 

किच्छा से चुनाव हारे पूर्व विधायक राजेश शुक्ला से भाजपा अब दूरी बनाने लगी है।इसकी चर्चाएं जमकर चल रही है। पिछले उन्हें दिनों रुद्रपुर में हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी के कार्यक्रम में शामिल होने से रोक दिया गया था तो अब उन्हें पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की प्रबधन कमेटी की सदस्यता से भी बाहर कर दिया गया है। जबकि यह विश्वविद्यालय उनके क्षेत्र में पढता है, सरकार चाहती तो उन्होंने नामिनेट कर सकती थी, लेकिन सरकार ने ऐसा न करके साफ संदेश दे दिया है,की अब शुक्ला उनके लिए जरूरी नहीं है। दरासल शुक्ला से पार्टी की दूरी बनाने की बजह है। शुक्ला पिछले काफी समय से एकल नीति पर चल रहे,पहले उनके इशारे पर किच्छा क्षेत्र के लोगों पर मारपीट आरोपों ने पार्टी की खूब बदनामी कराई,तो चुनाव हारने के बाद वह अपने आपको लोकसभा चुनाव का दावेदार पेश करने लगे, उन्होंने पूरे क्षेत्र में इसका प्रचार भी शुरू कर दिया,हद तो तब हो गयी जब उन्होंने पिछले दिनों अपने रुद्रपुर आवास पर स्वागत कार्यक्रम के वाहनों ताकत दिखाने की कोशिश की, लेकिन उनकी यह कोशिश चंद लोगों तक सिमट कर रह गयी। लोकसभा का टिकट लेने के लिए शुक्ला दिल्ली और लखनऊ की दौड़ भी लगा रहे हैं। इधर शुक्ला की तैयारी से क्षेत्र के लोग कन्फ्यूजन में पढ़ गए हैं,जो पार्टी के लिए चुनावों में हानिकारक साबित हो सकता है। पार्टी संगठन और सरकार इसे भली भांति जानती है,इसी बजह से पार्टी ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी है, हालांकि शुक्ला लगातार यह दिखाने की कोशिश करते रहे हैं,की सीएम धामी और मंत्रियों से उनके गहरे सम्बन्ध है, लेकिन हकीकत सभी को पता चल चुकी है। दूसरी तरफ पंत विवि के नवनियुक्त प्रबंधन कमेटी सदस्य बनाए गए रुद्रपुर शिव अरोरा पार्टी में जिलाध्यक्ष पद से इंट्री करने के बाद लगातार आगे बढ़ रहे हैं, जिसके पीछे उनका पार्टी के प्रति समर्पण मुख्य बजह है,

इधर विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक की सबसे पहले पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल दो बार विधायक, पालिकाध्यक्ष रहे हैं, विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने उनके बड़बोले पन की बजह से टिकट काटा तो वह बागी हो गया, पार्टी के नेताओं की काफी कोशिश के बाद भी वह जब नहीं माने उन्हें निष्कासित कर दिया गया,आज वह भाजपा में लौटने के लिए हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भाजपा उन्हें वापस लेने को तैयार नहीं है।

इसी क्रम में दूसरा नाम गदरपुर के विधायक अरविंद पाण्डेय का आता है, उन्होंने विधानसभा चुनाव में जो किया वह किसी से छिपा नहीं, पाण्डेय चुनाव तो जीत गए, लेकिन पार्टी ने उनके पर कतर दिए,यानी के मंत्री नहीं बनाया, पाण्डेय ने फिरभी सबक नहीं लिया, उन्होंने गदरपुर बाईपास जिसका उद्घाटन केन्द्रीय रक्षाराज्यमंत्री अजय भट्ट को करना था,उसका उद्घाटन समय पहले ही कर दिया,जिसके कुछ घंटों के बाद ही बाईपास पर हुए हादसे एक युवक की जान चली गयी, पांडेय के इस कदम से पार्टी की जमकर छीछालेदर हुई तो बात मुकदमे तक जा पहुंची । इसके बाद पार्टी के नेताओं की महर से पांडेय मुकदमे से तो बच गए लेकिन पार्टी उन्हें किनारे कर दिया,यहां तक उनके क्षेत्र में गदरपुर बाईपास के हुए शुभारंभ पर उन्हें बुलावा तक नहीं भेजा गया।

 

 

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