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उधमसिंह नगर

सामिया की महाठगी, शुरुआती एक्शन के बाद पुलिस के तेवर हुए नरम। मुख्य आरोपी समेत अन्य लोगों फरार।नई तहरीरों पर भी नहीं हुई कार्रवाई। लोग उठाने लगे सवाल

नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। ऊधमसिंहनगर के जिला मुख्यालय पर पिछले दिनों बिल्डर सामिया लेक सिटी में हुई महाठगी के मामले एक ही परिवार के पांच लोगों से हुई करीब60 लाख की ठगी के मामले पुलिस जिला प्रकार एक्शन में नजर आयी थी,वह अब मंद पड़ गए हैं। कालौनी के डायरेक्टर और एक आरोपी को जेल भेजने के बाद पुलिस कालौनी के एमडी जमील ए खान और ठगी में शामिल अन्य लोगों को अभी तक नहीं पकड़ पाती है,जिसको लेकर सवाल उठने लगे हैं।वही माना जा रहा की राजनीति छत मिलने के बाद महाठगी के आरोपियों को अब मोहलत दी जा रही है। यही बजह है पुलिस ने समाने आये तमाम लोगों की तहरीर न तो अभी केस दर्ज किया है।और ही गिरफ्तारी में कोई दिलचस्पी दिख रही है। पुलिस के आला अधिकारी भी अब गोल मोल जबाव दे नजर आ रहे हैं।यही बजह की मुख्य आरोपी अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंच चुका है।जिसपर 26अप्रैल को सुनवाई होनी है।
आपको बता की पिछले सप्ताह आचनक शहर के काशीपुर वाईपास रोड पर स्थित सामिया लेक सिटी में लालकुआं के एक ही परिवार के पांच लोगों के साथ करीब 60 लाख की ठगी का मामला समाने आया था। पुलिस ने इस मामले में कालौनी के महाठग डायरेक्टर सगीर खान को गिरफ्तार कर लिया था। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने सीओ कार्यलय में इसका खुलासा करते हुए आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर, सम्पत्ति जप्त करने जैसी कार्यवाही का एलान किया था, अगले दिन एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, एसएसपी ने ठगी के शिकार सभी लोगों से पुलिस को तहरीर सौंपने की अपील भी की थी। घटना के चार दिन बाद एसएसपी ने अपने कार्यालय में मीडिया के समाने ठगी के शिकार हुए आधा दर्जन लोगों मुलाकात की थी, उन्होंने सभी की तहरीर लेकर 24 घंटे में मुकदमा दर्ज करने का आदेश भी कोतवाली पुलिस को दिया था, एसएसपी ने उसी दिन एसआईटी के घठन भी किया था। इधर इसी बीच खबर आयी थी की आरोपी एक सत्ताधारी पार्टी के नेता के सम्पर्क में जिसने आरोपियों को मदद का भरोसा दिया है।उसी दिन पुलिस की चाल इस मामले में सुस्त पड़ गयी है। पुलिस अभी तक न मुख्य आरोपी जमील को गिरफ्तार कर सकी है न ही अन्य आरोपी पकड़े गए हैं। मीडिया के सवालों पर अब अफसरों के गोल मोल जबाव मिल रहे हैं। मजेदार बात यह की जिन तहरीरों पर कप्तान ने 24 घंटे में कार्यवाही के आदेश दिए थे,उनपर 06 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पायी है।

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