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स्वार्थी मानसिकता ने रुद्रपुर प्रेस क्लब को बना दिया सफेद हांथी! करोड़ों की विल्डिंग में उग जुके है पेड़,भवन भी हुआ जर्जर।पत्रकारों के लिए बनी भवन में 20 साल से लटका है ताला।

नरेन्द्र राठौर

रुद्रपुर (खबर धमाका)। स्वार्थ,यह शब्द भले ही छोटा हो, लेकिन इसके मायने और असर इतना बड़ा है। जिसे इसका रोग लग जाए,वह खुद तो खत्म हो जाता है, दूसरों पर भी इसका असर होता है। समाज में ऐसे लोग अपने फायदे के लिए पूरे समाज को ही परेशान करके देते हैं।

ऐसी ही कहानी ऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर हुई है। इसके बारे हर कोई भले ही नहीं जानता हो, लेकिन मीडिया से जुड़े लोग, प्रशासन और राजनीतिक भली भांति जानते हैं। बताया जाता की उत्तराखंड गठन के बाद जब पूर्व मुख्यमंत्री स्व. एनडी तिवारी ने मुख्यमंत्री की कमान संभाली थी,तब रुद्रपुर के पत्रकार संगठन प्रेस क्लब ऊधमसिंहनगर (रुद्रपुर) के अध्यक्ष विधि चंद सिंगल और उनके साथियों ने प्रेस क्लब के भूमि स्वीकृत कराई थी, बाद में सरकार की तरफ से ही भवन निर्माण के लिए भी पैसा जारी किया गया था,भवन निर्माण के बाद पत्रकार संगठन में फूट पड़ गयी। इसके बाद वर्तमान में स्पोर्ट्स की दुकान चला रहे एक पत्रकार ने अपना अलग संगठन बनाकर पत्रकारों की सविधा के लिए बने प्रेस क्लब में बखेड़ा खड़ा कर दिया।, जिसके बाद प्रेस क्लब में ताले लटक गए। मामले में तत्कालीन प्रेस क्लब के ऊधमसिंहनगर के अध्यक्ष विधि चंद सिंगल और उनके साथियों ने प्रेस क्लब खुलवाने के लिए पूरी कोशिश की लेकिन स्वार्थ सिद्धि पर उतने स्पोर्ट्स करोबारी की अड़चनों की बजह प्रेस क्लब में पड़ा ताला नहीं खुल पाया है।आलम यह की स्पोर्ट्स करोबारी की स्वार्थ सिद्धि की बजह से पत्रकार हितों के लिए बना प्रेस क्लब भवन में आज बड़े बड़े पेड़,घास उग आती है।जिस भवन में पत्रकारों को बैठना था आज वह कीड़े मकानों,सांप निवास कर रहे हैं। मजे की बात यह है की आज भी स्वार्थ सिद्धि पर उतरा स्पोर्ट्स कारोबारी शहर के सैकड़ों पत्रकारों के हित के बजाय अपना हित साधकर सभी को गुमराह करने पर उतरा हुआ है।उसे उसकी कर्मों के सजा ऊपर वाला जरुर कब देगा यह तो आने वाले समय में पता चलेगा, लेकिन सवाल है कि आखिर कोई इतना बड़ा स्वार्थी कैसे हो सकता है।वैसे मीडिया से जुड़े लोगों की मानें तो स्पोर्ट्स कारोबारी अध्यक्ष बने रहने के नाम पर अपना करोबार चला रहा है। वैसे इस मामले में पत्रकारों को जागरूक होने की जरूरत है। बताया की की स्पोर्ट्स करोबारी हमेशा प्रेस क्लब भवन का ताला खुलने में मामला कोर्ट में होने की बात कहकर प्रशासन को गुमराह कर देता है, लेकिन कोर्ट में ऐसा कोई मामला विचाराधीन नहीं है।

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