बलजीत हत्याकांड में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास। 2016 में मामूली कहासुनी पर छात्र की कर दी थी हत्या।
नरेन्द्र राठौर
रूद्रपुर। युवक की हत्या के तीनों आरोपियों को द्वितीय अपर जिला एंव सत्र न्यायाधीश शादाब बानो ने आजीवन कारावास एंव 6-6 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुना दी। सहा यक जिला शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने बताया वार्ड-08 सितारगंज निवासी हरमीत सिंह पुत्र जोगेन्द्र सिंह ने 1 जनवरी 2017 की प्रातः रूद्रपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा कि उसका भतीजा बलजीत सिंह पुत्र तजेन्द्र सिंह निवासी ग्राम पडरी जागीर,बहेडी जिला बरेली यूपी इस समय सुपरटेक रिवरक्रास कालोनी रूद्रपुर में किराए पर रहकर आईलेट्स की पढाई कर रहा था।बीती रात 31.12.2016 की रात करीब 9 बजे बलजीत अपने दोस्तों गुरविन्दर सिंह,तलविन्दर सिंह,कमलजीत सिंह व निर्मल सिंह के साथ गांधी पार्क आये थे कि तभी नितान्त बाबा पुत्र सुरेन्द्र पाल बाबा निवासी नैनीताल बैंक गली किच्छा वहां आया और बलजीत सिंह के साथ कहासुनी करने लगा विरोध करने पर गाली गलौच व धक्का मुक्की करने लगा,दोस्तों ने बीच बचाव किया। रात जब पांचो दोस्त कार से ग्राम पडरी जागीर,बहेडी जिला बरेली यूपी जा रहे थे तो दूधिया मन्दिर के पास करीब 11-50 बजे नितान्त बाबा पुत्र सुरेन्द्र पाल बाबा निवासी नैनीताल बैंक गली किच्छा अपने साथियों योगेश चन्द उर्फ बन्टी पुत्र गोविन्द चन्द व मनप्रीत रंधावा उर्फ लक्की पुत्र सुखविन्दर सिंह निवासीगण पहाडगंज,रूद्रपुर रास्ते में खडे थे,उन्होने कार को रूकवा लिया। जैसे ही बलजीत सिंह कार से नीचे उतरकर उनसे बात करने लगा तो अचानक तीनों अपने हाथों में पकडे 315 बोर के तमंचो से उस पर फायरिंग कर दी,गोलियां लगते ही वह नीचे गिरकर तडपने लगा,यह देख उसके साथी कार से नीचे उतरे तो नितान्त बाबा ने गुरविन्दर सिंह के सिर पर तमंचे से वार कर गम्भीर रूप से घायल कर दिया,फायरिंग की आवाजें सुनकर लोगों को आते देख तीनों जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चले गए।पुलिस ने भागदौड कर तीनों अभियुक्तों को गिरफतार कर उनके पास से 315 बोर के तीन तमंचे व खोखा कारतूस बरामद कर जेल भेज दिया।
तीनों के विरूद्व द्वितीय अपर जिला एंव सत्र न्यायाधीश शादाब बानो की कोर्ट में मुकदमा चला जिसमें एडीजीसी अनिल कुमार सिंह द्वारा 24 गवाह पेशकर हत्या का आरोप सिद्व कर दिया जिसके बाद एडीजे शादाब बानो ने धारा 302,34 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास व 5-5 हजार रूपए जर्माने तथा धारा 25 आर्म्स एक्ट के तहत 2-2 वर्ष के कठोर कारावास व एक-एक हजार रूपए जर्माने की सजा सुना दी।