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उत्तराखंड

नाबालिग से दुराचार के आरोपी को 20 वर्ष का कारावास। आरोपी के सहयोगी को भी 10 वर्ष की सजा मिल

नरेन्द्र राठौर 

रुद्रपुर(खबर धमाका) । पॉस्को न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने नाबालिग लड़की को भगा ले जाकर उसके साथ दुराचार करने के आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और चालीस हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी जबकि उसके सहयोगी को दस वर्ष के कठोर कारावास और बीस हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी है ।विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने बताया कि 6-5-2018 को खटीमा थाने में एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आज दोपहर 11 बजे पाल साइबर कैफे मेलाघाट रोड के कर्मचारी कबीर ने उनकी 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री को फ़ोन करके स्कूल के फार्म के सिलसिले में साइबर कैफ़े पर बुलाया था लड़की साइकिल से गई थी ।जब काफ़ी समय तक वापस नहीं लौटी तो वह बेटी को देखने गई,वहाँ पूछने पर साइबर कैफे के मालिक व एक अन्य कर्मचारी ने कहा कि तुम्हारी बेटी यहाँ नहीं आई है ।बेटी की साइकिल वहीं पर खडी देख महिला ने हल्ला मचा दिया जब कैफ़े के अंदर जाकर ढूँढा तो ऊपर वाले कमरे में देखा कि कबीर उसकी बेटी के साथ ग़लत काम कर रहा था वह बडी मुश्किल से बेटी को उनके चंगुल से छूडा कर ले आई और सीधे थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि कबीर व उसके साथी ने बेटी को बहला फुसलाकर घटना को अंजाम दिया है ।पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शाम क़रीब पाँच बजे कबीर को गिरफ़्तार कर लिया इधर मेडिकल में लड़की के साथ दुराचार किए जाने की पुष्टि हो गई इतना ही नहीं कबीर का डीएनए भी जॉच में मैच हो गया ।पुलिस ने विवेचना के बाद रोहित उर्फ़ कबीर पुत्र गिरधारीलाल निवासी पकड़िया थाना झनकईया तथा उसके साथी हरविंदर सिंह उर्फ़ हैप्पी पुत्र सुखदेव सिंह निवासी अशोक फार्म,खाली महुवट थाना झनकईया के विरूद्ध पॉकसो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की ।दोनों के विरूद्ध पॉकसो कोर्ट में मुक़दमा चला जिसमें एडीजीसी विकास गुप्ता ने 6 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया जिसके बाद पॉकसो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने रोहित उर्फ़ कबीर को धारा 3/4 पॉस्को एक्ट में 20 वर्ष के कठोर कारावास और 2o हज़ार रुपये जुर्माने,धारा 366 भा०द०सं० में 5 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हज़ार रुपये जुर्माने, धारा 342 व 506 में एक वर्ष के कठोर कारावास, 120 बी में 10 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी। उसके साथी हरविंदर सिंह उर्फ़ हैप्पी को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी ।पॉकसो न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने सरकार को निर्देश दिए कि पीडिता को क्षतिपूर्ति के रूप में 6 लाख रुपये प्रदान करें ।

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