मासूम की हत्या में दादी,चाचा व बुआ को आजीवन कारावास। चार साल पूर्व बच्ची को आंगनबाड़ी केंद्र से अगवा कर की थी हत्या।पारिवारिक कलह के चलते दिया था घटना को अंजाम।अपर जिला सत्र न्यायधीश ने सुनाया फैसला।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। ऊधमसिंहनगर के खटीमा में चार साल पूर्व अगवा कर की गई मासूम की हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंजू सिंह मुंडे ने दादी, चाचा व बुआ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
उमरुखुर्द इस्लामनगर वार्ड-4 निवासी इरफान की 4 वर्षीय मासूम बेटी को वार्ड के ही एक आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ती थी। 29 मार्च 2019 को एक नाबालिग ने मासूम बच्ची का मामा बनकर उसको आंगनबाड़ी केंद्र से ले गया। जिसके बाद उसने चाचा रिजवान के साथ मिलकर मासूम की बेदर्दी से हत्या कर दी गई थी। बाद में उसके शव को सत्रहमील चौकी क्षेत्र के भिलैया गांव से लगे जंगल में फेंक दिया था। देर रात को पुलिस ने हत्यारोपी की निशानदेही पर शव को बरामद कर लिया था।
मामले में इरफान की तहरीर पर पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। मामले की जांच तत्कालीन कोतवाल संजय पाठक एवं एसएसआई देवेंद्र गौरव ने की थी। जिसमें मासूम की दादी समसीरन व बुआ खुशनुमा के नाम भी प्रकाश में आए थे। इन्होंने परिवारिक कलह के चलते इरफान को सबक सिखाने के लिए उक्त घृणित कृत्य किया था। यह मामला अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश की अदालत में पहुंचा। मामले में पुलिस ने 27 मई 2019 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिए थे। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सौरभ ओझा ने पैरवी करते हुए 15 गवाहों को पेश किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश मुंडे ने चाचा रिजवान, दादी समसीरन एवं बुआ खुशनुमा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उन्हें 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। जबकि नाबालिग का मामला किशोर न्यायालय में चल रहा है।