आखिर रुद्रपुर की इस करोड़ों के भवन को सफेद हाथी बनाने में कौन है गुनेहगार! ऐसा स्वार्थी पत्रकार तो नहीं हो सकता। अभी भी समय है गुनेहगार को भूल सुधार का। हर पत्रकार को इसका निरीक्षण कर दिखानी चाहिए कलम की ताकत
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। खुद लिखेगा उन्हें कर्मों की कहानी,यह लाइनें भले ही आपको छोटी लगतीं हैं, लेकिन आपको भगवान, ईश्वर, अल्लाह और गौड में किसी को भी मानते हैं,तो इसमें बड़ी सच्चाई छिपीं है। इंसान को उसके कर्मों का फल यही पर मिलता है,चाहे इसके कारण अलग-अलग ही क्यों न हो।
जी हां हम बात कर रहे रुद्रपुर के प्रेस क्लब की। उत्तराखंड गठन के बाद पहली बार सूबे के मुख्यमंत्री बने एनडी तिवारी ने रुद्रपुर के पत्रकारों की मांग पर प्रेस क्लब के लिए भूमि और निर्माण के लिए धन स्वीकृत किया था, तिवारी के घोषणा के बाद पत्रकारों की मांग परवान भी चढ़ी। प्रेस क्लब भवन बनकर तैयार हुआ, लेकिन कुछ स्वार्थी पत्रकारों की बजह से पत्रकारों के लिए बना यह भवन सफेद हाथी बन गया।इस कहानी को एक या दो नहीं बल्कि करीब 20 वर्ष हो गए हैं, वर्तमान के 80 प्रतिशत पत्रकारों को इसकी कहानी भले ही पता न हो, लेकिन यह हकीकत है,शहर के आर्दश कालौनी में बने करोड़ों के इस भवन का हाल स्वार्थी लोगों की बजह से अपने अस्तित्व पर आंसू बहा रहा है,भवन में बड़े बड़े पेड़ ,खास उग आए है,तो बिल्डिंग टूटनी शुरू हो गयी,हम पत्रकारों के उस तबके से आहवान करते हैं, जिन्होंने इस भवन को देखा है,वो जरुर एक बार जाकर इसका निरीक्षण करें,और अपनी कलम की ताकत जरुर दिखाएं। इसके लिए जिम्मेदार लोगों से सवाल भी पूछे,जो इसके जिम्मेदार है। और जो यह नहीं कर सकते वो अपने आपको पत्रकार कहने के हकदार नहीं हैं। कहते हैं कि उसूलों पर अगर आंच आये तो टकराना ज़रूरी है,अगर हम जिंदा है तो जिंदा नजर आना जरूरी है। यह बात हम सिर्फ इसलिए कह रहे की अगर हम अपनी लड़ाई नहीं लग सकते तो फिर दूसरों के लिए क्या आवाज उठायेंगे। इस बार करोड़ों के प्रेस क्लब भवन को खुलवाने का अभियान शुरू हुआ है, जिसमें सभी की भागेदारी जरुरी है,ताकी स्वार्थ के लिए पत्रकारों को मिलने वाली सुविधा पर डाका डालने वाले लोगो को इसका अहसास हो सके सके,