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अन्तर्राष्ट्रीय ड्रग्स दिवस,उड़ता पंजाब बन चुका है ऊधमसिंहनगर! दिखावे की सख्ती से नहीं मिलेगा छुटकारा! खाकी को छोड़ना होगा लालच।जमीन हकीकत देखने ही तो अफसरों को उतरना होगा मैदान में। पिछले एक साल में रम्पुरा में एक दर्जन घर हुए हैं सूने।

नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। ड्रग्स यह शब्द बड़ा छोटा है, लेकिन के असर,प्रभाव बड़े हैं,इसने जहां पैर पसारे है,वह इंसानी जिंदगी में बर्बादी ही बर्बादी छाई हुई है। यूं तो इसका प्रभाव देश के अधिकांश क्षेत्रों में है, लेकिन पंजाब के बाद उत्तराखंड का ऊधमसिंहनगर ऐसा जिला है,जहां ड्रग्स का धंधा लोगों को बर्बाद कर रहा है।कुछ क्षेत्र में 80 प्रतिशत या इससे भी ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं,अभी पिछले दिनों गदरपुर क्षेत्र की नदी में मिले मानव अंगों के बाद हुए खुलासे में पुलिस ने खुद स्वीकार किया था कि जिस गांव में यह घटना हुई है,वहां पर अधिकांश लोग नशे के आदी हैं,उसी दौरान दिनेशपुर और रुद्रपुर में भी दो कत्ल हुए थे, दोनों को नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों ने अंजाम दिया था। यह सिर्फ उदाहरण है,जनपद में हो रही 70 प्रतिशत घटनाओं को नशे के जाल में फंसे युवा अंजाम दे रहे हैं। ऐसे दावे खुद पुलिस अपने खुलासों में करती रही है,यानी की नशा ऊधमसिंहनगर के बर्बाद रहा है,यह उडता पंजाब बन चुका है,यह कहें तो। भी ग़लत नहीं होगा। लोगों की मानें तो रुद्रपुर के रम्पुरा, ट्रांजिट कैंप,संजय नगर खेड़, बंगाली कालौनी,प्रीत बिहार,संजय नगर, शिवनगर, ठाकुर नगर समेत कई बस्तियों में हर चौथे घर में नशे का करोबार हो रहा है। रम्पुरा मोहल्ला जो एसएसपी से आवास, सीओं कार्यलय, कोतवाली और रम्पुरा चौकी,एसपी सिटी के आवास के नजदीक है, इसी मोहल्ले में पिछले एक साल में करीब एक दर्जन युवकों ने नशे की गिरफ्त में पढ़कर जान गंवाई है।ऐसा नहीं कि इन क्षेत्रों में कहा कहां नशा का करोबार होता है,इसका पता नहीं, लेकिन निचले स्तर के कर्मियों से उनकी अच्छी पकड़ काम करती है। रम्पुरा चौकी में ही एक कर्मी पिछले लंबे समय जमा हुआ,ऐसा अन्य जगहों पर भी होता है, सूत्रों की मानें तो रम्पुरा क्षेत्र का एक नशा करोबारी जो दो बार स्मैक के साथ जेल जा चुका है,वह पिछले दो साल से पुलिस का मुखविर बन गया है,जिसकी आड़ में वह नशा करोबरियो ड्रग्स, शराब सप्लाई कर रहा है, पिछले दो साल में ही उसने करीब दो करोड़ की सम्पत्ति भी एकत्र कर ली है,वह अपराधिक घटनाओं में पकडे जाने वाले लोगों को छुड़ाने में बिचौलिया का भी काम करता है। पुलिस के ऐसे लोगों से सम्बंध होंगे तो कार्यवाही कितनी सख्ती से होगी ,इसका अंदाजा लगाया जा सकता है, बंगाली कालौनी में भी पिछले काफी समय से लोग पुलिस के पास चक्कर लगा रहे, लोगों का कहना की शराब बेचने वालों ने बकायदा अड्डे बना रखे हैं,जहां अपराधी किस्म के लोग भी आते हैं,जो विरोध करता है, उसके साथ मारपीट होती है। ट्रांजिट कैंप का श्मशान घाट नशे का बड़ा अड्डा है,यह पान की दुकान भी नशा बिकता है,खाली पड़े मैदान में सुबह सात बजे से रात के 12 बजे तक दूर दूर से नशे के करोबारी और नशा करने वाले देखें जा सकते हैं।
एसएसपी मंजूनाथ टीसी के निर्देश पर जिले में लगातार जागरूक अभियान चल रहा है, इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन जमीन पर इसका नहीं दिख रहा है।इसका मुख्य कारण यही कि महकमें के निचले स्तर के कर्मियों का नशा करोबरियो से कहीं न कहीं गठजोड़ है,जो एसएसपी के मिशन में रोड़ा बन चुका है।

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