उत्तराखंड

बिशेष,नामुमकिन को मुमकिन बनाने का नाम है शिव। जन्मदिन पर रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा की चाणक्य नीति पर छिड़ी बहस। संघ के बाद जिलाध्यक्ष और अब विधायक बनकर दिखा रहे जलबा।रुद्रपुर को मांडल शहर बनाने के लिए बड़ी योजनाओं को दिला चुके हैं मंजूरी।

नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। सीए शिव अरोरा,यूं तो नाम किसी पहचान का मौहताज नहीं है। अपने छात्र जीवन की शुरुआत से लेकर सीए बनने तक उनका जलबा रहा है,तो राजनीति में आकर भी उन्हें कई विरोधियों को क्लींन बोल्ड कर दिया है। उन्होंने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है।
जी हां हम बात कर रहे रुद्रपुर के विधायक सीए शिव अरोरा की है। आज उनका जन्मदिन है। उनके जन्मदिन भव्य तरीके से मनाया जाता इससे पहले एक दुःख भरी खबर समाने आती। विधायक की चचेरी बहन का निधन हो गया ‌‌जिसके चलते देर शाम उन्हें अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए और कार्यकर्ताओं से भी किसी प्रकार का कार्यक्रम न करने का आह्वान किया। इससे पहले ही विधायक  शोसल मीडिया से लेकर वह तरफ छाए चुके थे। उनके चाहने वाले इतने है कि शहर की सड़कें गोलियां, चौराहे हर तरफ आज शिव ही शिव नजर आ रहे।
अपने पहले ही चुनाव में भारी मतों से विधायक चुने गए शिव अरोरा पर शिव भगवान की कृपा पूरी तरह है,इसे यह भी कहे तो ग़लत नहीं होगा। शायर अशोक कुमार की यह लाइन उनपर बिल्कुल सटीक बैठती है।
नज़र नज़र में उतरना कमाल होता है
नफ़स नफ़स में बिखरना कमाल होता है
बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है

2022 में विधानसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन कराने जाते विधायक शिव अरोरा का फाइल फोटो 

आपको बता की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले रुद्रपुर विधायक शिव अरोरा छात्र जीवन से सीए बनने के बाद काम पूरी तरह सबाब पर था, लेकिन संघ से जुड़े होने की बजह से पार्टी ने उन्हें अचानक 2015 ऊधमसिंहनगर का जिलाध्यक्ष बना दिया। इससे पहले राजनीति में उनकी कोई पहचान नहीं थी। लेकिन जिलाध्यक्ष बनते ही शिव ने ऊधमसिंहनगर में पार्टी को ऐसी मजबूती दी की कांग्रेस का जिले में सफाया हो गया। वह लगातार तीन बार जिलाध्यक्ष बने तो 2022 पार्टी ने उन्हें लगातार दो बार के विधायक रहे राजकुमार ठुकराल का टिकट काटकर विधानसभा चुनाव में उतार दिया। यह टिकट उन्हें तब मिला था जब किसी को उम्मीद नहीं थी, पार्टी और आम जनता में भी इसको लेकर बहस छिड़ी हुई थी। लेकिन अंत समय वह पूर्व विधायक ठुकराल पर भारी पड़े। शिव यह भी पार्टी के फैसले पर खरा उतरे। उन्होंने 20 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की। जो कुमाऊं मंडल की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही। विधायक बनने के बाद सीए शिव अरोरा ने विधानसभा को मांडल विधानसभा सभा बनाने का काम शुरू कर दिया। विधायक ने सबसे पहले शहर में अपराधियों पर नजर की लिए पुलिस को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए दिल खोलकर मदद दी,तो उनकी मेहनत से ही शहर को रिंग रोड, नैनीताल हाईवे के चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण, काशीपुर बाईपास के चौड़ीकरण,मोदी मैदान में स्टेडियम, मल्टीप्लेक्स पार्किंग,जल निकासी के लिए व्यवस्था के लिए ड्रेनिज सिस्टम जैसे बड़े काम मंजूर हुए हैं। शिक्षा, स्वस्थ, सड़कों के निर्माण भी तेजी से हो रहे। शिव अरोरा पूरे देश के अकेले ऐसे विधायक हैं, जिन्होंने विधानसभा में लव-लैंड जिहाद का मामला उठाए जा, जिसके बाद उनकी जमकर तारीफ हुई,तो सरकार ने भी इसे गंभीरता से लिया।

नामांकन पत्र जमा करते विधायक शिव अरोरा फाइल फोटो 
उनकी खूबी यह भी है वह जनहित के मामलों बहुत सोच समझकर अपना फैसला लेते हैं। विधायक उन फैसलों को राजनीति से परे भी रखते हैं, जिससे शिक्षित वर्ग और सरकारी महकमे में उनका बड़ा सम्मान है। उनकी खूबी है वह विरोधियों के आरोपों का ज्यादा तवज्जो नहीं दे, लेकिन जब देते हैं तो उनकी बोलती बंद कर देते हैं।
फिलहाल विधायक शिव अरोरा अपनी चाणक्य नीति की बजह से रुद्रपुर ही नहीं पूरे उत्तराखंड में चर्चा में है। मुख्यमंत्री खुद मुश्किल जगहों पर उनसे राय देते हैं। तो उन्हें उस काम की जिम्मेदारी भी सौंप रहे हैं।

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