हत्याकांड में पिता-पुत्र को आजीवन कारावास। पढे कहा का है मामला,किसको हुई है सजा।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका) । अपने घर की छत पर पटाखे फोड़ने से मना करने पर गृहस्वामी की हतया करने के आरोपी पिता-पुत्र को जनपद न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल ने आजीवन कारावास और 12-12 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी । जिला शासकीय अधिवक्ता नंदन सिंह धामी ने बताया कि सितारगंज थाना क्षेत्र के ग्राम नकटा निवासी चंदन कुमार पुत्र जनार्दन प्रसाद ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 11 नवंबर 2015 की रात क़रीब नौ बजे अपने भाई उमेश कुमार व पिता जनार्दन प्रसाद के साथ घर पर दीपावली का पर्व मना रहे थे कि क़रीब 9 बजे पड़ोसी अजय कुमार व संजय कुमार उनके घर की छत पर आकार पटाखे फोड़ने लगे इस पर चंदन के पिता ने छत पर जाकर दोनों लड़कों को पटाके फोडने से मना किया तो वे लड़ने पर उतारू हो गए और अपने भाई विजय कुमार व पिता सुदर्शन गुप्ता को आवाज़ देकर बुला लिया चारों की जनार्दन प्रसाद से कहासुनी होने लगी इसी बीच सुदर्शन गुप्ता ने कॉपे से जनार्दन प्रसाद पर ताबड़ तोड़ वार कर उनको छत से नीचे फेंक दिया जब चन्दन व उमेश ने अपने पिता को बचाने का प्रयास किया तो चारों लोगों ने उन पर भी हमला कर उन्हें घायल कर दिया शोर शराबा सुनकर गाँव के लोग आ गए और तीनों को सरकारी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने जनार्दन प्रसाद को मृत घोषित कर दिया व दोनों घायलों का उपचार किया ।पुलिस ने अगले ही दिन 12-11-2015 को सुदर्शन गुप्ता,विजय व अजय को गिरफ़्तार कर लिया तथा सुदर्शन की निशानदेही पर आला कतल कॉपा बरामद कर लिया तथा 13-11-2015 को संजय को भी गिरफ़्तार कर लिया ।कोर्ट् ने अजय व संजय को जुबेनाइल(किशोर) घोषित कर दिया ।सुदर्शन गुप्ता व विजय गुप्ता के विरूद्ध ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल के न्यायालय में मुक़दमा चला जिसमें डीजीसी नन्दन सिंह धामी द्वारा 14 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया जिसके बाद जनपद न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल ने सुदर्शन गुप्ता व विजय गुप्ता को जनार्दन प्रसाद का हतयारा घोषित करते हुए धारा 302,452,323,34 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास और 12-12 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी ।