कार्बेट एफसी नें बनबसा को 5-1 से रौंदा। समाजसेवी गाबा, साहनी एवं चौधरी नें किया मैच का उद्घाटन
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। ट्रांजिट कैम्प फुटबाल मैदान में चल रहे स्व0 वीरेन्द्र राय मैमोरियल द्वितीय फुटबाल टूर्नामेंट के तृतीय दिवस का मैच कार्बेट एफसी एवं बनबसा एफसी के मध्य खेला गया, जिसमें कार्बेट एफसी आक्रामक खेल दिखाते हुये नें बनबसा को 5-1 से रौंद डाला। इससे पूर्व मुख्य अतिथि सुशील गाबा, समाजसेवी अमित साहनी एवं समाजसेवी अजय चौधरी नें खिलाड़ियों का परिचय प्राप्त कर एवं फुटबाल को किक आफ कर मैच का उद्घाटन किया। आयोजक शास्त्री यंग क्लब रजि के तापस विष्वास व अन्य सदस्यों नें फुटबाल मैदान पहुंचनें पर मुख् अतिथि श्री गाबा, साहनी एवं अन्य अतिथियों का माल्यार्पण कर, शाल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
आज मैच की शुरूआत से ही कार्बेट एफसी की टीम बनबसा पर हावी हो गयी। नीली टीशर्टे पहने कार्बेट एफसी के खिलाड़ी पूरे मैच में छाये रहे। खेल के शुरूआती 5 मिनट में ही कार्बेट नें बनबसा पर पहला गोल दाग दिया। हाफ टाईम तक कार्बेट 3-0 से आगे थी। द्वितीय हाफ में बनबसा नें एक गोल दागकर बढ़त को कम करनें की कोशिश की, लेकिन कार्बैट नें पुनः पलटवार करते हुये आक्रामक खेल जारी रख, जिसके सामनें बनबसा नें आखिरकार 5-1 से घुटने टेक दिया।
मैदान में सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित दर्शकों एवं खिलाड़ियों को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि समाजसेवी सुशील गाबा नें कहा कि आज तापस विष्वास एवं शास्त्री यंग क्लब के लोग फुटबाल टूनामेंट आयोजित कर युवाओ को नशे से दूर रखनें तथा उनको शारिरिक तथा मानसिक रूप से मजबूत बना रहे है। अपने दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलना टीम वर्क और निःस्वार्थता के बारे में बहुत कुछ सिखाता है। अपने साथियों का समर्थन करना और एक टीम में काम करना जीवन के सबसे आवश्यक मूल्यों में से एक है। और फुटबॉल उसके लिए एक महान शिक्षक है। कठिन प्रशिक्षण, दिनचर्या से लेकर मैदान पर रणनीतियों और नियमों का पालन करने तक, फुटबॉल अनुशासन की एक शक्तिशाली भावना पैदा करता है, खिलाड़ियों को अपने स्वास्थय के प्रति सजग करता है। यदि आप नियमों का करते हुये अपनी मर्यादा में रहते हैं। नियमों का पालन करना और मर्यादाओं में रहना ही जीवन जीने का सर्वोत्तम तरीका है।
समाजसेवी अमित साहनी नें कहा कि फुटबॉल खेलने से बनी शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति से खिलाड़ी मैदान पर और बाहर दोनों जगह आत्मविश्वास से भर जाता है। यह खिलाड़ी के निजी जीवन में उसके आत्मसम्मान को भी मदद करता है। और एक उचित कसरत के रूप में, फुटबॉल फील-गुड एंडोर्फिन जारी करता है जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
समाजसेवी अजय चौधरी नें कहा कि फुटबॉल में भाग लेने से मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसमें समग्र मनोदशा को बढ़ावा देने और कल्याण की भावना को बढ़ावा देने के दौरान तनाव, चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम करने की क्षमता है।