पेशे से ट्रक चालक निकला साइबर ठगी में उस्ताद। रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी से लाखों की साइबर ठगी में एसटीएफ ने यूपी से दबोचा।फर्जी ट्रैजरी अफिसर बनकर की थी 10.50 लाख की धोखाधड़ी
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। स्वास्थ्य विभाग के रिटायर्ड अफसर से हुई 10,50 लाख की ठगी में दूसरे आरोपी को एसटीएफ ने यूपी के इटावा से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी से पेशे से ट्रक चालक बताया जा रहा। एसटीएफ ने उसके पास से बडी मात्रा में फर्जी पासबुक व अन्य दस्तावेज बरामद किए है। वरिष्ठ पुलिस अक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल के मुताबिक पिछले वर्ष अक्टूबर में साइबर ठगी का एक प्रकरण कोतवाली हल्द्वानी जनपद नैनीताल में दर्ज किया गया था। जिसमें रिटायर्ड स्वास्थ अधिकारी द्वारा स्वयं के साथ 10,50,400/- रूपये की धोखाधडी किये जाने के बारे में बताया की उनके साथ साईवर उग द्वारा ट्रेजरी आफिसर बनकर रिटारयर मैण्ट पर प्राप्त होने वाले फण्ड आदि की जानकारी लेकर मोबाईल पर लिंक भेजकर धोखाधडी से धनराशी आहरित कर ली गयी थी। पुलिस मुख्यालय के आदेश पर थाना कोतवाली हल्द्वानी से ‘साईवर क्राईम पुलिस स्टेशन’ कुमाऊँ परिक्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक साईवर क्राईम ललित मोहन जोशी’ के सुपुर्द की गयी थी, विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य / एटीएम फुटेज एकत्र कर’ घटना के ‘मुख्य आरोपी अभिषेक पुत्र अरुण निवासी कोलकता को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। परंतु इसी मामले में एक अन्य वांछित अभियुक्त विशाल सिंह पुत्र रनवीर सिंह निवासी ग्राम अजवपुर असवा थाना बढ़पुरा जिला इटावा उत्तर प्रदेश की तलाश माह जनवरी 23 से जारी थी। जिसके लिए एसटीएफ द्वारा काफी समय से भिन्न भिन्न राज्यों में दविशे दे रही थी, आरोपी काफी शातिर किस्म का है जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलता रहता था। परंतु ‘साईवर पुलिस टीम द्वारा द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसानों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित करते हुये कल देर रात को अभियोग में वांछित अभियुक्त विशाल सिंह पुत्र रनवीर सिंह को जनपद इटावा उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। पकड़ा गया अभियुक्त पेशे से ट्रक चालक है।
पूछताछ में बताया कि उसके द्वारा अपने साथी अभिषेक शा के साथ मिलकर फर्जी ट्रेजरी अधिकारी बनकर सरकारी नौकरी से रिटायर्ड कर्मियों से उनके फण्ड, होचुट्टी आदि की रकम को उनके बैंक खातो में स्थानान्तरित करने के नाम पर लिंक भेजकर उनके खातों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जाती है। जिसके बाद प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में प्राप्त कर किया गया है। आरोपी फर्जी सिम, सोशल मीडिया प्रोफाईल तथा फर्जी खातों का प्रयोग कर ठगी की जाती है।’ साइबर ठग द्वारा देश में अन्य लोगों के साथ भी साईबर ठगी को अंजाम दिये जाने की आशंका है जिसकी जानकारी अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर की जा रही है। आरोपी के पास से कई बैंकों के डेविट कार्ड एवं क्रेडिट कार्ड पासबुक व मोबाइल फोन बरामद हुआ है। गिरफ्तारी पुलिस टीम में एसआई दिनेश कुमार पंत, हेका. हेमचन्द्र मठपाल, का, जितेन्द्र कुमार शामिल थे।
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