बडी खबर,राजधानी में पुलिस की नकली दवा कंपनी पर रेड। लाखों की दवाएं,करोड़ों की मशीन समेत दो गिरफ्तार
नरेन्द्र राठौर
देहरादून (खबर धमाका) । देहरादून स्थित JAGSONPAL PHARMACEUTICALS LIMITED में पुलिस छापेमारी कर बड़ी मात्रा में नकदी दवाओं के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले में कंपनी के डिप्टी मैनेजर विक्रम रावत ने थाना रायपुर ने पुलिस को नकली दवाएं बनाने की सूचना दी थी
एसपी अजय सिंह के मुताबिक सचिन शर्मा प्रोपराईटर एस0एस0 मेडिकोज अमन विहार देहरादून द्वारा अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर वादी की कम्पनी JAGSONPAL PHARMACEUTICALS LIMITED के नाम से जालसाजी, कूटरचना व धोखाधडी कर नकली/मिलावटी दवाइयां बेची जा रही हैं। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के आदेशानुसार थाना रायपुर पर मु0अ0सं0 445/2023 धारा 420/467/468/471/483/486/336 भादवि पंजीकृत किया गया।
इस घटना की गम्भीरता को देखते हुए क्षेत्राधिकारी डोईवाला के नेतृत्व में थाना रायपुर व एसओजी की संयुक्त पुलिस टीम गठित करते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
पुलिस टीम द्वारा की गयी कार्यवाही
गठित पुलिस टीम द्वारा नामजद अभियुक्त सचिन शर्मा के सम्बन्ध में जानकारी की गयी तो अभियुक्त की अमन विहार में एक मेडिकल शॉप होने के सम्बन्ध में जानकारी मिली, जिस पर पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए अभियुक्त सचिन शर्मा व उसके पार्टनर विकास कुमार को पाल्टेक्निक रोड धर्मकांटा रायपुर के पास से रेंज रोवर गाडी के साथ गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से वाहन में रखी इन्डोकेप व इन्डोकेप एस0आर0 दवाईयों के 24 डिब्बे कुल 7200 कैप्सूल नकली दवाईयां बरामद हुई।
अभियुक्त गणों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया कि मकदूमपुर गांव पर उनकी एक फर्जी फैक्ट्री है तथा गोदावरी रूडकी स्थित फ्लैट में उनके द्वारा नकली दवाईयां व उससे सम्बन्धित सामाग्री रखी हुई है, जिसे वह मूल दवाई की कम्पनी के नाम से विभिन्न राज्यों में सप्लाई करते है । पुलिस टीम ने अभियुक्त गण की निशानदेही पर मकदुमपुर गांव निकट लकनौंता चौराहा झबरेडा हरिद्वार स्थित फैक्ट्री व अभियुक्त सचिन शर्मा के गोदावरी रूडकी हरिद्वार स्थित फ्लैट से भारी मात्रा में नकली दवाईयाँ, नकली दवाईयां बनाने के उपकरण,नकली दवाईयां बनाने के लिये कच्चा माल व अन्य सामाग्री की बरामद की गयी है व मकदूमपुर हरिद्वार में स्थित फैक्ट्री को सील किया गया । अभियुक्त गणों के द्वारा नकली दवाईयाँ की पूर्व में की गयी सप्लाई के सम्बन्ध में भी साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है । अभियुक्त गण को आज समय से मा0 न्यायालय पेश किया जा रहा है ।
इसी के साथ अभियुक्त सचिन शर्मा द्वारा बताया कि हम दोनो एक दूसरे को पहले से जानते है। मैं स्टेफफोर्ड लैबोरेट्री लिमिटेड भगवानपुर में सुपरवाईजर का काम करता था, जहाँ दवाईयाँ बनती है तथा विकास जगसन पाल फार्मास्यूटिकल कम्पनी में हरिद्वार में मार्केटिंग का काम करता था। हमारी कोरोना में नौकरी छूट गयी थी। हम दोनो ने प्लान बनाया कि हम लोग जैगसन पाँल कम्पनी एंव वर्लटर बूसनल कम्पनी की नकली दवाईयाँ तैयार कर मार्केट में बेच सकते है, जिससे हम लोग करोड़ो कमा सकते है।
दोनो को दवाईयाँ का कम्पनी में रह कर दवाईयों के बनाने की जानकारी हो गयी थी, कि दवाईयाँ कैसे बनती है। इससे पहले हमारे द्वारा कई फर्म खोली गयी। वर्तमान में हमारे द्वारा वर्ष दिसम्बर 2022 से एक एस0एस0 मेडिकोँज नाम से एक फर्म खोली थी, जिसका प्रोपराईटर मै हूँ, परन्तु यह फर्म हम दोनो की पार्टनरशिप फर्म है। हमे इस फर्म से जितना लाभ प्राप्त होता है, उसको हम दोनो 50-50 प्रतिशत बराबर बाँट लेते है। मै लाभ का पैसा विकास कुमार को उसके खाते में डाल देता हूँ ।
आरोपी उक्त कम्पनी की दवाईयाँ अपनी फैक्ट्री मकदूमपुर गाँव निकट लखनौता चौराहा झबरेड़ा में बनाते है, जहाँ हमारे द्वारा उक्त फैक्ट्री में दवाईयाँ बनाने के लिये मशीने रखी है और वहां हमारा कच्चा माल भी रखा है। हम लोग दवाईयाँ बनाने के लिये कच्चा माल रोलेक्स फार्मा बाम्बे की एक कम्पनी से खरीदते थे, जिसका भुगतान हमारे द्वारा आँनलाईन किया जाता था, जहां से कच्चा माल विजयलक्ष्मी ट्रांसपोर्ट से रुड़की आता है, जिसे हम रुड़की में उतारकर अपनी फैक्ट्री में ले जाते है। हमारे द्वारा कच्चे माल की डिलीवरी हफ्ते में ली जाती है।
मेडिकोज की फर्म बनाने के लिये मैने अपने नाम पर ड्रग लाईसेन्स लिया है, जो मैने वर्ष 2022 में बनाया था। हमारी एसएस मेडिकोज नाम की फर्म का आँफिस देहरादून में सहस्त्रधारा रोड़ में खोला है, जहाँ से हम लोग उक्त दवाईयो को दिल्ली, लखनऊ एंव कोलकाता आदि शहरो में बेचते है।
मार्केटिंग में होने के कारण विकास के पहले से मेडिकल डीलरों से सम्पर्क थे ।
वही जिस पर हम लोग अन्य राज्यो के मेडिकल स्टोर एंव डीलरो को हमारे द्वारा अपनी फैक्ट्री में तैयार दवाईयाँ बेचते थे। हम हफ्ते में दवाई के 10 पेटी करीब 200 डिब्बे तैयार कर लेते है, जिन्हे बेचकर हमारे द्वारा करोड़ो रुपये का लाभ और कई सम्पत्तियाँ भी अर्जित की गयी है, मैंने रेंज रोवर कार भी इन्ही पैसो से ली है। इसके अतिरिक्त विकास ने रुड़की में 35 लाख रुपये का प्लाँट व 12 लाख रुपये की KIA सोनेट कम्पनी की गाड़ी खरीदी है । इसके अतिरिक्त उषा इन्क्लेव में 50 लाख रुपये का मकान व मकदून पुर में फैक्ट्री के लिये 04 बीघा जमीन भी ली है। जिस पर हमारा फैक्ट्री स्थापित किये जाने का विचार है ।
मै उक्त दवाईयों के लिये रेपर दिल्ली एंव भगवानपुर में एक व्यक्ति को प्रिन्ट करने के लिये देता हूँ, जो कि हमें 800 रुपये किलो के हिसाब से रेपर प्रिंट करता था। मेरे द्वारा सारे कूटरचित बिल अपने लैपटाँप पर एडिट करके तैयार किये गये है। जो मेरे लैपटाँप पर पड़े है। अभियुक्त विकास द्वारा धोखाधडी से अर्जित की गयी वाहन KIA को भी कब्जे पुलिस लिया गया है ।
पुलिस टीम –
टीम प्रभारी- अभिनय चौधरी क्षेत्राधिकारी डोईवाला देहरादून, 1- उ0नि0 कुन्दन राम, थानाध्यक्ष थाना रायपुर देहरादून
बरामदगी का विवरण:-
1- INDOCAP एस0आर0 कैप्सूल की 20 पेटी में रखे कुल 2500 डिब्बे कुल 7,50,000 कैप्सूल
2- नीले प्लास्टिक के 07 डिब्बों में रखे कुल 9,01,000 कैप्सूल
3- काली रंग की 11 प्लास्टिक की पन्नी में रखे 12,82,600 कैप्सूल
4- विभिन्न बैंको की 24 चौक बुक
5- INDOCAP एस0आर0 खाली कैप्सूल बाक्स के रैपर 3000
6- खाली कैप्सूल 1,00,000/-
7- दवाई बनाने हेतु कच्चा माल 50 किलो
8- सीलिंग हेतु कम्पनी के टेप रोल 107
9- कम्पनी का प्रिन्टेड फायल कवर बडे 15
10- कम्पनी के गत्ते की खाली पेटी 50
11- नकली दवाईयों की टैक्स इनवाइस बिल -07
12- HP लैपटाप -1,
13- मोबाइल फोन -07
14- रैंज रोवर गाडी सं0 TO 923 CH7967B- 01 (कीमत लगभग एक करोड रूपये)
15- KIA गाडी सं0 UK 17R-2647 -01
16- नकली दवाईयां बनाने के उपकरण
17- नकली दवाईयां बनाने की मशीनें