तो पीलीभीत-बहेडी लोकसभा से दावेदारी कर सकते हैं पासी। पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड छोड़कर में यूपी कर रहे जनसमपर्क।पूर्व सांसद को हाल ही में मिला उत्तराखंड बीज प्रमाणीकरण संस्था के दायित्व।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। वर्ष 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस को मिली सिम्पैथी के बाद भी नैनीताल – बहेड़ी लोकसभा क्षेत्र से नारायण दत्त तिवारी को हराकर जीत दर्ज करने वाले पूर्व सांसद एवं हाल ही में बीज प्रमाणीकरण संस्था उत्तराखंड के अध्यक्ष नियुक्त हुए बलराज पासी एक फिर बहेड़ी से जुड़ी पीलीभीत लोकसभा सीट से दावेदारी कर सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से पासी पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में लगातार जनसमपर्क कर सभाएं कर रहे हैं, जिससे इसकी संभावनाएं प्रवल हो गई है।
फायर ब्रिगेड एवं बड़े हिंदू नेताओं में गिने जाने वाले उत्तराखंड के बाजपुर निवासी पूर्व सांसद पासी किसी पहचान के मौहताज नहीं है। 1991 में कांग्रेस लहर के बाद सांसद चुने गए पासी का यूं तो उत्तराखंड के साथ देश के अन्य राज्यों में भाजपा फायदा लेती रही है, लेकिन इसके बाद कभी पार्टी ने उन्हें चुनाव में नहीं उतारा।2001 उत्तराखंड का गठन के बाद पासी लगातार नैनीताल- ऊधमसिंहनगर लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी ठोकते रहे हैं। लेकिन हर वार उनकी दावेदारी पर दूसरे प्रत्याशी भारी पडे। देश में 2024 होने जा रहे लोकसभा चुनाव में पासी एक बार फिर सक्रिय नजर आ रहे। जानकारों की मानें तो 1991में जब पासी से एंडी तिवारी को हराया तब उन्हें बहेड़ी विधानसभा से बंफर वोट मिला था, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल से वह हार चुके थे, लेकिन बहेड़ी विधानसभा में पासी को मिले एकतरफा वोट ने उस हार को जीत में बदल दिया। बहेड़ी में भाजपा का बड़ा वोट बैंक है। पीलीभीत-बहेडी लोकसभा से इस समय भाजपा गांधी परिवार के वरुण गांधी सांसद हैं। पिछले कुछ दिनों के द्वारा लगातार पार्टी लाइन से हटकर बयान दिए जा है, जिससे भाजपा इस बार उनका टिकट काट सकती है,इसकी चर्चाएं चल रही है। भाजपा ने यदि बरुण गांधी का टिकट काटा तो पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के पास कोई बड़ा प्रत्याशी नहीं है, ऐसे में भाजपा बलराज पासी की दावेदारी पर मुहर लगा सकती है।
चर्चा तो यह कि पार्टी से हरी झंडी मिलने के बाद हि बलराज पासी ने उत्तराखंड छोड़कर बहेडी पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में जनसमपर्क अभियान शुरू किया है।