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उत्तराखंड

ऊधमसिंहनगर में कमजोर जिलाध्यक्ष,राजशाही से नहीं चलेगा काम! कांग्रेस संगठन को मजबूत फेल,जिला कार्यकारिणी में भी जमीन से लोगों की उपेक्षा! समय रहते नहीं हुई सर्जरी तो होगा बडा नुकसान

नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर (खबर धमाका)। देश के तीन राज्यों में हुए चुनाव के बाद उत्तराखंड और खासकर ऊधमसिंहनगर में भी कांग्रेस टीम और नीतियों को लेकर सवाल उठाने लगे हैं। पिछले वर्ष कांग्रेस हाईकमान ने जिले जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी थी,वह हर मोर्चे पर विफल साबित है। वह न तो संगठन में गुटबाजी दूर करने में कामयाब हुए हैं,न ही जिले में मुख्य विपक्षी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल पाए हैं।आलम यह की उनके घर रुद्रपुर में ही कांग्रेस पूरी तरह टूटी हुई है।
ऐसे में सवाल यह कि आने वाले लोकसभा और निकाय चुनाव में कांग्रेस सत्ता पर आसीन भाजपा कैसे मुकवला करेंगी। आंकड़ों को देखें तो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ऊधमसिंहनगर में बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन इसके बाद कांग्रेस के संगठन और गुटबाजी के चलते लगातार कमजोर हो रही है। रुद्रपुर विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की हालत है वो किसी से छिपी नहीं है। महानगर अध्यक्ष सीपी को छोड़ दें तो कांग्रेस के जिलाध्यक्ष, पाषर्द व अन्य नेता भाजपा के ही साथी नजर आते हैं। जिलाध्यक्ष जिनके कंधे पर पूरे जिले को मजबूत करने की कमान है,वह कभी जनता के बीच दिखाई नहीं देते तो कभी भी उनका मुंह भाजपा के खिलाफ नहीं खुला है, उन्होंने अपने कार्यकाल में पार्टी में गुटबाजी खत्म करने की कोशिश नहीं की है,सूत्र तो यह बताते हैं।कि गुटबाजी की मुख्य बजह ही जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा ही है। पिछले दिनों कांग्रेस की चुनी गई जिला कार्यकारिणी को लेकर भी सवाल उठते हैं। जमीन से जुड़े लोगों की अनदेखी की गई है, पार्टी से जुड़े पदाधिकारियों की मानें प्रदेश से बहार रहने वाले लोगों तक को अहम पद दे दिए गए है
ऐसे में सवाल यह कि कांग्रेस आने वाले लोकसभा और विधानसभा सभा चुनाव में भाजपा को कैसे टक्कर देंगी।
पार्टी को जिलाध्यक्ष को समय रहते मंथन की जरूरत है।यदि हाईकमान ने समय रहते एक्शन नहीं लिया तो कांग्रेस का आने वाले जिले में बुरा हाल होगा।

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