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ब्रहामण बनाम ब्राहमण,किसके सिर सजेगा जीत का सेहरा।नैनीताल ऊधमसिंहनगर सीट,दिलचस्प हो सकता है मुकाबला! मतदाताओं की खामोश या क्या फिर दोहराया जायेगा इतिहास?

नरेन्द्र राठौर 

रुद्रपुर(खबर धमाका)। नैनीताल ऊधमसिंहनगर सीट में मतदान के अब महज आठ दिन बचे हैं, लेकिन हर तरफ खामोशी छाई हुई है। अधिकांश लोगों की जुबा पर एक ही बात है,कि इस बार ऐसा लग नहीं रहा कि चुनाव है।

ऐसा लोगों क्यों कह रहे हैं, इसके पीछे कई बजह और सवाल है। पहला सवाल यह कि चुनाव जमीन पर कम और शोसल मीडिया पर लगा जा हैं, दोनों पार्टियों के लोग प्रचार का सिर्फ दिखावा कर रहे हैं, दोनों पार्टियों के कितने लोग अपने घरों से नहीं निकल रहे हैं,वह सिर्फ पार्टी की बैठकों या फिर शोसल मीडिया पर ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।जबकि पहले प्रत्याशी और उनकी पार्टी के लोग घर घर दस्तक देते थे, लोगों में जुनून और उत्साह देखने को मिलता था, लेकिन इस बार सिर्फ सन्नाटा है।

जानकारों की मानें तो यह एक बड़ा संदेश है,जो समझ रहा है,वह बड़ा खिलाड़ी हैं,और समझ कर भी अनदेखी कर है वह नादान है,जिसका परिणाम आने वाले समय में देखने को मिला। सन्नाटे के पीछे बजह यह बताई जा रही कि लोग मौका देखकर फैसला करेंगे। अभी वह किसी भी बुराई लेना नहीं चाहते हैं।

फिलहाल भाजपा और कांग्रेस दोनों ही नैनीताल ऊधमसिंहनगर संसदीय सीट पर अपना दावा और अपना राग अलाप रही है। भाजपा की सभाओं में उनके नेता इस बार 2019 से बड़ी जीत का दंभ भर रहे हैं,तो कांग्रेस के की सभाओं में भाजपा की हार का दावा कर अपने आपको को मजबूत दिखाया जा रहा है

वैसे नैनीताल ऊधमसिंहनगर सीट पर हमेशा ब्राह्मण बनाम ब्राहमण का मुकाबला रहा है, पिछली बार वर्तमान प्रत्याशी अजय भट्ट और हरीश रावत यानी ठाकुर बनाम ब्राहमण के बीच मुकाबला था तो इस  अजय भट्ट और प्रकाश जोशी के बीच मुकाबला है। दोनों ही ब्रह्ममण है।संसदीय सीट पर नैनीताल में  ब्राह्मणों का दबदबा है, नैनीताल में कांग्रेस और भाजपा में कांटे टक्कर बताई जा रही है,इधर ऊधमसिंहनगर में भी इस बार समीकरण बदले हुए नजर आ रहे हैं। जिसके पीछे 2019 के मुकाबले कांग्रेस का ज्यादा विधानसभा सीट कब्जा बताया जा रहा है। 2019 में कांग्रेस का ऊधमसिंहनगर में सिर्फ एक विधायक था, लेकिन इस कांग्रेस के पांच विधायक हैं, जिसमें आज भी कांग्रेस की मजबूत पकड़ बताई जा रही है।

रुद्रपुर और सितारगंज में भाजपा भले ही कांग्रेस पर भारी नजर आती हो, लेकिन जसपुर, काशीपुर,बाजपुर, नानकमत्ता, किच्छा और खटीमा, गदरपुर में मुकाबला बरावर बरावर का नजर आ रहा है। संसदीय पर करीब 3.5 लाख मुस्लिम और सिख वोटरों का रुख किस तरफ जायेगा यह देखने वाली है, फिलहाल इनका रुख भाजपा के पक्ष जाता दिखाई नहीं दे रहा है।

इतिहास पर जाएं तो नैनीताल ऊधमसिंहनगर सीट पर की बार बड़ा उलटफेर हुआ है,1990 में विकास पुरुष नरायण दत्त तिवारी को बलराज पासी ने हराकर बड़ा उलटफेर कर दिया था,तब किसी ने भी यह नहीं सोचा था कि तिवारी जैसे कद्दावर नेता चुनाव हरा जायेगा, बताया जाता कि पासी से हराने के पास तिवारी का पीएम बनने का सपना अधूरा रह गया था,जो फिर कभी पूरा नहीं हुआ,

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