निकाय चुनाव पर फिर खतरे की बजी घंटी।सरकार ने प्रशासकों का कार्यकाल तीन माह बढ़ाया।तीन बार बढ़ाया जा चुका है कार्यकाल
नरेन्द्र राठौर/खबर धमाका(खबर धमाका)। उत्तराखंड में निकाय चुनाव लड़ने का सपना देख रहे लोगों को अभी और इंतजार करना पड सकता है। इसकी पूरी संभावनाएं व्यक्त की जा रही है।ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे। सरकार की मंशा इसका संकेत दे रही है।
उत्तराखंड में निकायों का कार्यकाल पिछले वर्ष 02 दिसंबर को समाप्त हुआ था तब सरकार चुनाव न कराकर 06 महीने के लिए सभी निकायों में प्रशासक नियुक्त कर दिए थे, इसके बाद सम्भावना जताई जा रही कि लोकसभा चुनाव के मी जून में निकाय चुनाव हो सकते हैं, लेकिन सरकार ने चुनाव आगे बढ़ाते हुए मई में प्रशासकों का कार्यकाल तीन ने बढ़ा दिया था, चुनाव न कराए जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने सरकार ने जबाव मांगा था, पिछले दिनों सरकार की कोर्ट में पेश हुए शहरी विकास सचिव ने शपथपत्र देकर कहा था कि 25 अक्टूबर तक निकाय चुनाव सम्पन्न हो जायेंगें। जिसके बाद निकाय चुनाव की हलचल तेज हो गई थी, लेकिन शनिवार को सरकार की तरफ से निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल फिर तीन माह के लिए बढ़ा दिया है। शहरी विकास मंत्रालय के सचिव ने इसका आदेश जारी किया है। हालांकि आदेश में तय समय पर चुनाव न कराने की बात नहीं कही गई है।
सूत्रों की मानें तो सरकार की मंशा निकाय चुनाव को और आगे ले जाने की है। सरकार ने आरक्षण को लेकर जो प्रवल सामिति गठित की है,वह तय समय पर रिर्पोट नहीं पेश कर पायेंगी, सरकार इसका हवाला कोर्ट में पेश करके चुनावों आगे ले जाती है।