नवजात के बाद महिला की भी मौत।जिला अस्पताल में दो दिन पूर्व महिला का हुआ था आप्रेशन,बच्चे के शरीर में कई जगह मिले थे कट के निशान।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। ऊधमसिंहनगर के जिला अस्पताल में शनिवार को महिला की डिलीवरी के दौरान हुए ऑपरेशन में जान गंवाने वाले नवजात का वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम कराया गया। नवजात की मां की एसटीएच हल्द्वानी में मौत के बाद रविवार को जिला अस्पताल में हंगामा होने की आशंका के मद्देनजर जिला अस्पताल में पुलिस फोर्स तैनात कर अस्पताल को छावनी में तब्दील कर दिया गया। हालांकि मृतका के परिजन वहां नहीं पहुंचे और स्थिति सामान्य बनी रही।
शनिवार को जिला अस्पताल में गदरपुर वार्ड नंबर 11 निवासी अधिवक्ता नगमा पत्नी फईम को डिलीवरी के लिए लाया गया था। शनिवार देर शाम ऑपरेशन से नगमा ने एक नवजात को जन्म दिया था। इसके बाद डॉक्टरों ने नवजात का मृत घोषित कर दिया था। नवजात के हाथ, आंख और गले में ब्लेड के कट के निशान मिलने पर परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया था।
परिजनों का आरोप था कि डॉक्टर ने नगमा के ऑपरेशन में लापरवाही बरती है। उन्होंने डॉक्टर के नशे में होने का भी आरोप लगाया था। हालांकि पुलिस ने एल्कोमीटर से डॉक्टर का परीक्षण किया तो उनके शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई थी। उधर नगमा की हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे एसटीएच हल्द्वानी रेफर कर दिया था।
रविवार को पुलिस ने वीडियोग्राफी के बीच नवजात के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। दोपहर बाद सूचना आई कि नगमा ने एसटीएच में दम तोड़ दिया है। इसके बाद परिजनों का गुस्सा बढ़ गया। नगमा की मौत के बाद परिजनों के जिला अस्पताल आने का अंदेशा था। इसको लेकर एहतियातन पंतनगर और दिनेशपुर थाने की पुलिस को जिला अस्पताल के बाहर तैनात कर दिया गया। करीब एक घंटे से अधिक समय तक पुलिस वहां मौजूद रही। सीओ तपेश चंद्र ने बताया कि मृतका के परिजन हल्द्वानी चले गए हैं और वह जिला अस्पताल नहीं आएंगे। काफी देर तक परिजन नहीं आए तो पुलिस को अस्पताल से हटा दिया गया।
महिला के गर्भाशय के नजदीक थी गांठ : सीएमओ
रुद्रपुर। महिला अधिवक्ता नगमा को उसके परिजनों ने शनिवार सुबह जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। उस दौरान डॉक्टरों ने कहा था कि डिलीवरी नॉर्मल होगी जबकि शाम को डॉक्टर को नगमा का ऑपरेशन करना पड़ा। इसके बाद नगमा की ब्लीडिंग शुरू हो गई थी और डॉक्टरों ने करीब चार यूनिट खून चढ़ाया था। सीएमओ डॉ. सुनीता चुफाल रतूड़ी ने बताया कि नगमा के गर्भाशय के नजदीक गांठ हो गई थी। उनका कहना है कि गर्भ में जब बच्चा आ जाता है तो अल्ट्रासाउंड में गांठ नहीं दिखती है। इसी कारण नगमा की ब्लीडिंग शुरू हो गई थी। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी में भी करीब चार यूनिट खून चढ़ाया गया। इसके बावजूद उसकी ब्लीडिंग बंद नहीं हुई।
नवजात के शरीर में कैसे आए कट के निशान
रुद्रपुर। नगमा ने जिस शिशु को जन्म दिया उसके शरीर में तीन जगह पर ब्लेड के कट के निशान मिले हैं। उन कटों से लगातार खून भी बह रहा था। अब सवाल उठ रहा है कि नवजात के शरीर पर कट के निशान कैसे आए। इस मामले जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ. आरके सिन्हा ने बताया कि गर्भाशय में गांठ होने के कारण शिशु को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है और इसी वजह से उसके शरीर में कट के निशान आ गए।
शिशु का शव लेकर दादा गदरपुर थाने पहुंचे
गदरपुर। जिला अस्पताल में शिशु की मौत के बाद एसटीएच में नगमा ने भी दम तोड़ दिया था। सुल्तानपुर पट्टी में नगमा का मायका था। पोस्टमार्टम के बाद नवजात के शव को उसके दादा असगर अली गदरपुर थाने लेकर पहुंचे गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी काशीपुर अभय प्रताप सिंह और सीओ भूपेंद्र सिंह भंडारी भी थाना गदरपुर पहुंच गए। नवजात और नगमा का दफन कभी गदरपुर तो कभी सुल्तानपुर पट्टी में होने को लेकर चल रही चर्चाओं केे बीच एसपी अभय प्रताप सिंह और सीओ भूपेंद्र सिंह भंडारी देर शाम तक थाने में ही जमे रहे। एसपी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि मामले को लेकर कोई असंतोष नहीं है।