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हिटलर कप्तान,बोले पत्रकारों को नहीं है सवाल पूछने का अधिकार।सवाल पूछने पर पत्रकार से अपराधी जैसा व्यवहार।पत्रकार की कच्चे में खडी बाइक कराई सीज।पत्रकारों में भारी रोष,खुल सकता है मोर्चा। video में सुनिए पत्रकार का सवाल,और कप्तान का पर जबाब

नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। पत्रकारों को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है। वह सिर्फ जबाब सुन और प्रकाशित कर सकते हैं। यह बात हैरान करने वाली भले ही क्यों न हो लेकिन ऊधमसिंहनगर में हिटलरशाही पर उतरे एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने यह बात मीडिया कर्मियों के समाने कहकर सभी को हैरत में डाल दिया है। कप्तान ने इसका नमूना भी पेश किया है।एक पत्रकार के सवाल पूछने उसके साथ अपराधी जैसा व्यवहार हुआ है तो बाद में पुलिस ने उसकी खड़ी हुई बाइक को सीज कर कर उसे जब्त कर लिया है। जिससे पत्रकारों में अंदर खाने भारी रोष नजर आ रहा है।

आपको बता दें कि मीडिया की लोकतंत्र में मीडिया चौथा स्तंभ है। देश को आजादी दिलाने की लड़ाई में भी मीडिया ने अपनी अहम भूमिका निभाई थी, समाज में फैली कुरीतियों खत्म करने में हमेशा मीडिया ने अपना एक अलग और अहम रोल अदा किया है। पीड़ितों की जब कहीं सुनवाई नहीं होती है तो वह मीडिया के समक्ष ही अपनी बात रखता है। और मीडिया बड़े बड़े मामले को प्रमुखता से उठाकर पीड़ित, रोषित लोगों को न्याय दिलाने का काम करती रही है। देश के राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सभी जनप्रतिनिधि अपनी बात रखने के लिए मीडिया का सहारा लेते हैं।वह अपने अपनी बात बात भी रखते हैं तो मीडिया के सवालों का जवाब भी देते हैं।
लेकिन ऊधमसिंहनगर में एसएसपी मणिकांत मिश्रा लोक सेवक होने के बाद हिल शाही कायम करने पर उतर आए हैं।
आपको बता दें कि सोमवार को रुद्रपुर के डीडी चौक पुलिस की तरफ से यातायात चौपाल का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के दौरान एस एसपी मणिकांत मिश्रा, एसपी क्राइम मनोज कत्याल,अपर पुलिस अधीक्षक निहारिका तोमर समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे, कार्यक्रम के दौरान जब एसएसपी पत्रकारों को जानकारी दे रहे थे तभी स्वतंत्र पत्रकार महेन्द्र मौर्य कार्यक्रम के दौरान एक अवैध रूप टैम्पों स्टैंड का संचालन कर व्यक्ति सम्मानित करने पर सवाल पूछा था, जिसके बाद एसएसपी मणिकांत मिश्रा भंडक गए, जिसके कप्तान ने पत्रकार को अलग बुलाकर न की उसके हड़काया‌ कप्तान बोले की मीडिया को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है,वह जो कहेंगे वही उनका जबाब होगा, पत्रकार उसी जबाव को प्रकाशित करेंगे।बात यहीं पर समाप्त नहीं हुई कप्तान के समाने ही पत्रकार के साथ अपराधी जैसा व्यवहार हुआ तो दो घंटे बाद पत्रकार की खडी हुई बाइक पर यातायात की टीम ने सीज कर जप्त कर लिया,जो अपने आप में बड़ी हैरान करने बात है। गाड़ी को सीज करने वालो ने कहा कि पत्रकार के पास डीएल नहीं था,गाड़ी पर नबंर ठीक से नहीं थे,अब जब गाड़ी कच्चे में खड़ी थी फिर उसे कैसे सीज किया गया है यह अपने आप में बड़ा सवाल है।

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