उधमसिंह नगर

प्रशासन कर रहा संवैधानिक अधिकारों का हनन,जमीन खान सामिया बिल्डर की 42 एकड़ जमीन सरकार में निहित करने पर कालौनी के प्रबंध निदेशक ने उठाए सवाल वोले प्रशासन की मनमानी का कोर्ट में दिया जायेगा जबाब

नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। ऊधमसिंहनगर की सबसे बड़ी रिहायशी कालौनी सामिया इंटरनेशनल बिल्डर की 42 एक जमीन सरकार में निहित करने के रुद्रपुर एसडीएम के फैसले पर सवाल खड़े हो गए हैं। कालौनी प्रबंध इसके खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। बताया जा रहा कि एसडीएम ने जल्दबाजी में तत्त्वों से परे होकर हैरान करने वाला फैसला सुनाया है। हकीकत यह है कि जितनी जमीन सरकार में निहित की गई है, उतनी जमीन बिल्डर के नाम दर्ज ही नहीं है।

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रुद्रपुर के काशीपुर रोड पर दानपुर में स्थिति सामिया कालौनी की बात करें तो वर्ष 2006 में सामिया इंटरनेशनल बिल्डर ने करीब 74 एकड़ जमीन रिहायशी कालौनी के लिए खरीदी थी,जिसका बकायदा रेरा से नक्शा पास कराकर अनुमति ली गई थी। कालौनी प्रबंधन की मानें तो कालौनी का दिसंबर 2027 तक मानचित्र स्वीकृत है। कालौनी का 45 प्रतिशत हिस्सा सड़कों और पार्क के लिए छोड़ा गया है।74 एकड़ में 50 जमीन में ग्राहकों को विकास के लिए परियोजना पर काम होना था, जिसमें 10 एकड़ पर इंस्टीट्यूटनल बिल्डिंग कोटा है,जो बेची जा चुकी है। 6-8 एकड जमीन प्लांटेड है,जो बिक्री हो चुकी है और उसका ग्राहकों के मकान बन चुके हैं, कुछ पर निर्माण चल रहा है।7-4 एकड़ जमीन व्यावसायिक कार्यों के थी जिसे सेल कर दिया गया है। कंपनी प्रबंधन की मानें तो उपरोक्त जमीन की बिक्री के बाद दाखिल खारिज भी हो चुका है।
सामिया इंटरनेशनल बिल्डर के प्रबंध निदेशक जमील अहमद खान की मानें तो मात्र 28 एकड़ जमीन ग्रुफ हाउसिंग होना था, जिसमें 70 प्रतिशत विकसित कर ग्राहकों को दिया जा चुका है। लगभग 30 प्रतिशत भूमि पर पब्लिक पार्किंग के बाद ग्रुफ हाउसिंग का निर्माण होना है। कालौनी के पास अब कुछ ही जमीन बची हुई है।ऐसे में एसडीएम ने 42 एकड़ जमीन सरकार में कैसे निहित करने का फैसला सुना दिया,यह समझ से परे होने पर फैसला है। उन्होंने बताया कि कंपनी की तरफ से एसडीएम रुद्रपुर को सभी दस्तावेज सौंपे जा चुके हैं,यह हमारे संवैधानिक अधिकारों का हनन है। उन्होंने सवाल उठाया कि स्वीकृत मानचित्र की मांनिटरिंग रेला एवं जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण करेंगे या फिर एसडीएम कार्यालय इसके लिए मेरा और अन्य न्यायिक विकल्पों पर अपील की जायेगी।

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