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उत्तराखंड

मेयर और पालिकाध्यक्षों के अधिकार छीनने वाला शासनादेश निरस्त।शहरी विकास अनुभाग ने जारी किया नया आदेश।महापौर विकास शर्मा ने मुख्यमंत्री का जताया आभार

नरेन्द्र राठौर,(खबर धमाका)। निकायों की टेंडर कर्मियों से अध्यक्षों को बाहर किये जाने के लिए 2 मई को जारी किये गये शासनादेश को शहरी विकास अनुभाग ने मुख्यमंत्री के आदेश के बाद निरस्त कर नया शासनादेश जारी कर दिया है। अब पूर्व की तरह टेंडर कमेटियों में निकायों के अध्यक्ष शामिल रहेंगे।

बता दें 2 मई को जारी शासनादेश में शहरी विकास विभाग ने निकायों की टेंडर कमेटी से मेयर और अध्यक्षों को बाहर करने का आदेश दिया था। नये शासनादेश में शासन ने निकायों में होने वाले निर्माण कार्यों, सामग्री ऽरीदने सहित अन्य कार्यों के लिए समितियों का गठन करते हुए शासनादेश जारी किया था। इसके अनुसार समितियों में संबंधित निकायों के नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी समिति के अध्यक्ष होंगे जबकि मुख्य कोषाधिकारी या कोषाधिकारी इसके सदस्य होंगे। इसमें मेयर व नगर पालिका व नगर पंचायतों के अध्यक्षों को शामिल नहीं किया गया।

सरकार इस फैसले को लेकर रूद्रपुर के महापौर विकास शर्मा की अगुवाई में प्रतिनिधि मण्डल ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री से देहरादून में मुलाकात कर शासनादेश वापस लेने और पुरानी व्यवस्था बहाल करने का अनुरोध किया था। जिस पर सीएम धामी ने शासनादेश को निरस्त करने के आदेश दिये थे। शुक्रवार को शासन के शहरी विकास अनुभाग ने जारी शासनादेश में कहा है कि समितियों के गठन में पूर्व में निर्गत शासनादेश संख्या 912/आईवी (1)2014/02(25)/2013 ट-सी- दिनांक 29-08-2014 में आशिंक रूप से संशोधन करते हुए 02 मई को शासनादेश संख्या 294136/आईवी(1)2014/02 (25)2013टी-सी दिनांक निर्गत किया गया था, उक्त संशोधन विषयक शासनादेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। अब समितियों के गठन के सम्बंध में पूर्व में निर्गत शासनादेश यथावत लागू रहेगा। टेंडर कमेटियों में पुरानी व्यवस्था को बहाल किये जाने पर महापौर विकास शर्मा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि नये शासनादेश से निकायों के जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन हो रहा था। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए सीएम धामी ने पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी है।

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