बापू आशाराम तो गियू, शिष्या से दुष्कर्म के आरोप में अजीवन कारावास। गुजरात के गांधीनगर सेशन कोर्ट ने सुनाई सजा। आशाराम के आंखों छलके आंसू। से
नरेन्द्र राठौर
धर्म गुरु बनकर बहेसी बना आशाराम को गुजरात के गांधी नगर की सेशन कोर्ट ने शिष्या के साथ दुष्कर्म करने और उसे बंधक बनाने के मामले में दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। जिस शिष्या ने आसाराम पर केस दर्ज करवाया था, उसकी बहन ने ही नारायण साईं पर भी दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया था। आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का यह मामला 2013 में दर्ज हुआ था। पीड़िता के साथ दुष्कर्म 2001 से 2006 के बीच हुआ था। गुजरात के गांधीनगर की एक अदालत ने आसाराम बापू को 2013 के एक दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले कोर्ट ने सोमवार को आसाराम बापू को दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया था। बता दें कि आसाराम पर दो बहनों ने साल 2013 में दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। कोर्ट ने आसाराम बापू को धारा 376, 377, 354 342, 357 और 506 (2) के तहत दोषी पाया था। aकोर्ट ने धारा 376 (दुष्कर्म), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) में उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा धारा 354 (आध्यात्मिक गुरु या शिक्षक के द्वारा दुष्कर्म का अपराध) में एक साल की सजा, धारा 342 (गलत तरीके से कैद रखना) 6 माह की सजा व 357 (अवैध तरीके से कैद करने के लिए बल प्रयोग और हमला करना) एक साल और 506 (2) धमकी में एक साल की सजा सुनाई है।साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को 50 हजार का मुआवजा देने का आदेश दिया है। इससे पहले विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने अदालत से आसाराम को आजीवन कारावास और भारी जुर्माना लगाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था हमने कोर्ट से अपील की है कि पीड़िता को मुआवजा दिया जाना चाहिए।