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उधमसिंह नगर

खटीमा के भाजपा नेता देवेन्द्र चंद्र को दो साल की सजा। 2012 में सीएम धामी खिलाफ लड़ चुका है चुनाव। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के साथ 2017 हुआ था भाजपा में शामिल। महिला से बलात्कार के प्रयास और नौकरी के नाम ठगी के मामले हुई कार्रवाई

नरेन्द्र राठौर 

रूद्रपुर ।घर में घुसकर महिला के साथ बलातसंग के प्रयास तथा नौकरी को स्थाई कराने के लिए 7 लाख रुपये लेने और काम ना होने पर रूपये वापिस माँगने पर जान से मारने की धमकी देने के मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता को एसटीएससी न्यायाधीश शिवाकानत द्विवेदी ने दो वर्ष के कठोर कारावास और 7000 रूपये जुर्माने की सज़ा सुना दी ।सहायक ज़िला शासकीय अधिवक्ता उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि खटीमा थाना क्षेत्र की निवासी एक महिला ने 8 मई 2017 को एसएसपी को दिये गये प्रार्थना पत्र में कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता देवेन्द्र चन्द्र पुत्र श्री जय चन्द्र निवासी ग्राम श्रीपुर बिचवा खटीमा के माध्यम से वर्ष 2016 में अपने घर में बिजली का कनेक्शन लगवाया था तब से उनके घर पर आना जाना हो गया था ।उसके पति दिल्ली में काम करते हैं वह तीन बच्चों के साथ घर पर अकेली रहती है ।उसके पड़ोसी के पुत्र की सहकारिता विभाग में नौकरी को स्थाई कराने की बात करने पर देवेन्द्र चन्द्र ने 7 लाख रुपये मॉगे जिनमें से 4 लाख रुपये अभियुक्त को तथा 3 लाख रुपये उनकी पत्नी को उनके घर जाकर दिये गये लेकिन लड़के की नौकरी स्थाई ना होने पर 7 लाख रुपये वापस मॉगने पर जान से मारने की धमकी दी गयी ।पीड़िता ने आगे कहा कि 3-4-2017 को जब वह घर में अकेली थी तो देवेन्द्र चन्द्र आये और उसकी छातियों को दबाने लगा किसी तरह उसने स्वयं को छुडा लिया,डर के मारे वह चुप रही ।उसने अपने पति को बताया कि वह अकेली बच्चों के साथ रहती है कभी कोई अनहोनी हो सकती है तो पति ने घर में सीसीटीवी कैमरा लगवा दिया ।कहा कि 10-4-2017 को आरोपी पुनः घर में आया और बदनियति से उसको बैडरूम मे लेजाकर उसकी सलवार उतार कर बलात्संग करने का प्रयास किया किसी प्रकार उसने स्वयं को बचाया ।इस मामले में एफटीएससी न्यायाधीश शिवा कान्त द्विवेदी के न्यायालय में मुक़दमा चला जिसमें एडीजीसी ने 7 गवाह पेश कर तथा घटना की पेन ड्राइव कम्प्यूटर पर दिखाकर आरोप सिद्ध कर दिया जिसके बाद अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश /एफटीएससी महोदय द्वारा आरोपी वरिष्ठ भाजपा नेता 8 वर्ष तक ब्लॉक प्रमुख रहे देवेन्द्र चन्द्र को धारा 452,354,506 आईपीसी में दो-दो वर्ष के कठोर कारावास और 7000 रूपये जुर्माने की सज़ा सुना दी ।

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