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उधमसिंह नगर

विषेश,शर्मा के नाम पर बगावत, क्या है बेहड का खेल! कांग्रेस में स्वयं भू के यूं ही नहीं लगते हैं आरोप। पूर्व मंत्री और मीना जिनके गुणगान कर रहे हैं,उन्हीं की बदौलत हारे है चुनाव। जमीन से जुड़े सीपी के कार्यकाल में पद छिनने के भय से शोर मचा रहे नाकारा लोग।

नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। कांग्रेस में स्वयं भू वाली राजनीति की परंपरा है। जो जिसपर पर आसीन हो गया,वह उसे अपनी बपौती मानकर कर बैठ जाता है,यह कहानी हाईकमान से लेकर नीचे स्तर के पदाधिकारियों में ठूस ठूस कर भरी है।खैर जब हाईकमान ही ऐसा होगा तो नीचे वाले भी उसकी राह पर चलेंगे यह तय है। यही बजह है कि देश में कांग्रेस का सफूडा साफ होता जा रहा है।
उदाहरण के लिए हम आपको रुद्रपुर की वर्तमान राजनीति पर हो रहे संग्राम की असली बजह बता रहे हैं। हाईकमान द्वारा रुद्रपुर में बनाए गए महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा को लेकर हाए तौला मची है। रुद्रपुर से दो बार चुनाव हारे पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड और एक बार चुनाव हारी मीना शर्मा हाईकमान के फैसले को चुनौती दे रही है। बेहड कह रहे की उनसे राय नहीं ली गयी, शर्मा के खिलाफ पूरे तरह फुंके हुए नेताओं एकत्र कर मीना शर्मा स्की सरदार बन गयी है,मीना कह रही बेहड जी हमारे सबसे बड़े नेता हैं,उनकी राय के बैगर कोई पद उनके पराए को दे दिया दिया। उन्होंने दूसरे व्यक्ति की पैरवी की थी,मीना शायद भूल गयी है, विधानसभा सभा चुनाव में वही नेता एक दिन भी उनका प्रचार करने नहीं आया था,जिस नगर अध्यक्ष का आज वह बचाब कर रही है,उसकी विधानसभा चुनाव में भूमिका को लेकर लोग आज भी सवाल उठाते हैं।आज भी आम मतदाता साफ कहता है की मीना को कांग्रेस के लोगों ने ही हराया था, पूर्व मंत्री बेहड जो अपने आपको सबसे बड़ा नेता बता रहे है,वह भागकर किच्छा क्यों गए,बड़ा नेता होने के बाद भी वह दो बार चुनाव क्यों हारे। इसकी बजह पर जाएं तो साफ पता चल जाएगा की पार्टी का संगठन लाल बनियों तक सीमित था, जमीन से जुड़े लोगों को मौका नहीं मिल रहा है,इस बार जब हाईकमान ने जमीन से जुड़े नेता को बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी है,तो सभी शोर मचा रहे हैं, जबकि यह सभी वहीं नेता हैं,जो पद लेकर सिर्फ अपना भला करते हैं, उन्हें पार्टी के हित से कोई मतलब नहीं है, चुनावों में भी ऐसे नेता अपना हित साधते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कितने नेताओं ने भाजपा और निर्दलीय राजकुमार ठुकराल को चुनाव लड़ाया जा यह कौन नहीं जानता। आज सीपी शर्मा के महानगर अध्यक्ष बनने पर जितनी एकजुटता दिखाई है,यदि उतनी एकजुट चुनाव के समय दिखाई होती तो न बेहड चुनाव हारते और न ही मीना। जानकारों की मानें तो बेहड रुद्रपुर में कांग्रेस मजबूत हो यह चाहते ही नहीं है,उनकी मंशा किच्छा में रहकर रुद्रपुर को अपने हिसाब से चालने की है,ऐसा तभी होगा जब संगठन में उनके दलबे चाटने वाले बने रहेंगे। लेकिन शायद उनकी यह मंशा अब पूरी नहीं होने वाली है, हाईकमान ने उन्हें आइना दिखा दिया है।

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