कोर्ट में वयानो से मुकरने वालों पर हो 182 की कार्यवाही। डीएम ने मासिक स्टाफ बैठक में दिए निर्देश।बोले अपराधियों में हो कानून का भय,मिले सख्त सजा।
नरेन्द्र राठौर
रूद्रपुर।- जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त की अध्यक्षता में बुद्धवार को डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में मासिक स्टाफ बैठक समन्न हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने शान्ति एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि अपराधियों में कानून का भय हो तथा अपराध करने वाले को सख्त से सख्त सजा दिलाने हेतु प्रभावी कार्यवाही अमल मे लाई जाये। जिलाधिकारी ने न्यायिक प्रक्रिया के दौरान न्यायालय में अपने बयानों से मुकर कर सरकारी मशीनरी व धनराशि की बरबादी करने वाले वादियों के खिलाफ 182 की कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश संयुक्त निदेशक विधि को दिये। जिलाधिकारी ने संयुक्त निदेशक विधि को निर्देशित करते हुए कहा कि न्यायालय में बयान देने के लिए गवाहों के आने पर प्रभावी पैरवी की जाये कि किसी भी दशा में स्थगन स्वीकार न हो और न्यायालय में गवाह की गवाही हो जाये।
बैठक में संयुक्त निदेशक विधि डीएस जंगपांगी ने बताया कि अधीनस्थ न्यायालयों में माह मार्च में भा.द.वि. में 139 वाद दर्ज हुए तथा 114 वाद निर्णित हुए, जिसमें से 39 वादो में सजा, 11 में रिहाई, 35 मे सलाह, 6 सत्र सुपुर्द वाद तथा 23 वाद क्वैश हुए। उन्होंने बताया कि अन्य अधिनियम में 533 वाद दर्ज हुए, 414 निर्णित हुए जिसमें से 247 वादो में सजा हुई, 14 में रिहाई तथा 153 वाद क्वैश हुए। उन्होंने बताया कि सत्र न्यायालय में भा.द.वि. में 6 वाद दायर हुए, 13 वाद निर्णित हुए जिसमें से 6 वाद में सजा व 6 वाद में रिहाई तथा 01 वाद क्वैश हुआ। जबकि अन्य अधिनियम में 48 वाद दर्ज हुए तथा 24 वाद निर्णित हुए जिसमें से 05 में सजा व 10 में रिहाई तथा 09 वाद क्वैश हुए। उन्होंने बताया कि पोक्सो अधिनियम में 11 वाद दर्ज हुए, 05 वाद निर्णित हुए जिसमें से 04 में रिहाई व एक वाद क्वैश हुआ।
जिलाधिकारी ने आबकारी, राजस्व, खनन, स्टाम्प, बन्दोबस्ती आदि विभागों की विस्तार से समीक्षा करते हुए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये।
बैठक में अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, एसपी मनोज कत्याल, उप जिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह, रविन्द्र बिष्ट, अभय प्रताप सिंह, कौस्तुभ मिश्रा, राकेश तिवारी, तुषार सैनी, मनीष बिष्ट, संयुक्त निदेशक विधि डीएस जंगपांगी, डीजीसी एनएस धामी सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।
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