तो क्या अपने गढ़ रम्पुरा में कमजोर हो गई है भाजपा।शोसल मीडिया पर चल रही चर्चा। अम्बेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में नहीं पहुचे स्थानीय लोग।
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर। महानगर में ट्रांजिट कैंप और रम्पुरा भाजपा का गढ़ माने जाते हैं। पिछले तीन विधानसभा सभा और निकाय चुनावों में इन दोनों क्षेत्रों ने भाजपा झंडा लहराया है तो कांग्रेस को निराशा हाथ लगी है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से रम्पुरा क्षेत्र में भाजपा की पकड़ कमजोर होती नजर आ रही। शुक्रवार को बाबा साहब की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में इसका असर भी देखने को मिला। पार्टी का शिव चौरासी घंटा मंदिर में दस बजे का कार्यक्रम था, लेकिन दोपहर 11:30 तक आयोजन स्थल पर कुर्सियां खाली पड़ी थी, इसके बाद अन्य क्षेत्रों से पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसकी कमी कुछ पूरी जरुर की लेकिन स्थानीय लोगों का कार्यक्रम में न पहुंचना चर्चा का बिषय बना हुआ। बताया की पार्टी ने जिस व्यक्ति के कंधों पर कमान सौंपी है,उसकी छबी पहले ही खराब थी,और पद मिलने के बाद उसके कारनामों में और इजाफा हो गया, जिससे लोगों की नाराजगी बढ गयी। पार्टी ने अपने सबसे बड़े गढ़ में यदि समय रहते डैमेज कंट्रोल नहीं किया तो यह इलाका पार्टी के साथ निकल जायेगा।इसका सीधा असर आने वाले निकाय और लोकसभा सभा चुनाव में देखने को मिलेगा,यह तय है। पार्टी के कार्यक्रम में स्थानीय लोगों के न पहुंचने की चर्चाएं नोबल मीडिया पर पर भी खूब दौड़ लगा रही,जिसको पार्टी विरोधी के द्वारा बदनाम कहने कुछ बात कह सकती है। लेकिन हकीकत को नकारा नहीं जा सकता है।