खेती की जमीन पर खड़े हो रहे कंक्रीट के महल। डीडीए की चुप्पी पर सवाल, शिकायत के बाद भी नहीं होती है, कार्यवाही। अवैध कालोनियों में सड़क और नालियों का भी नहीं होता निर्माण
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। ऊधमसिंहनगर में यूं तो जिला विकास प्राधिकरण मौजूद हैं, इसके चलते रुद्रपुर, काशीपुर, किच्छा क्षेत्र में स्वीकृति के बाद ही कोई भवन निर्माण है सकता है। लेकिन ऐसा हो नहीं है,आलम यह की 80 प्रतिशत कालौनियां बिना स्वीकृति के ही खेती की जमीन पर काटी जा रही है। बिल्डर कालौनी काटने में सरकार को तो चूना लगा ही रहे हैं,उनके द्वारा कालौनियां में सड़क,नाली व पार्क न बनाकर आम जनता और सरकार को भी बड़ा चूना लगाया जा रहा है। लेकिन जिला विकास प्राधिकरण खमोश है। आखिर ऐसा क्यों हो रहा यह अपने आप में सवाल है।हद तो यह की जागरुक लोगों की लिखित शिकायत को भी विभाग रद्दी की टोकरी में डाल दें रहा है,जो कहीं न कहीं भूमाफिया और डीडीए की मिलीभगत की तरफ इशारा कर रहा है।
उदाहरण के लिए हम आपको बता दें कि शहर से सटे बिंदुखेडा में एक व्यक्ति खेती की जमीन पर अवैध रुप से निर्माण करा रहा है, तीन अप्रैल को इसकी लिखित शिकायत भगवानपुर निवासी कामेश्वर प्रसाद सिंह ने डीडीए में करके कार्यवाही की मांग की थी, लेकिन विभाग ने इसे रद्दी की टोकरी में डाल दिया। जिस खेती की जमीन को बचाने की उन्होंने गुहार लगाई थी,वहां पर आज भी निर्माण जारी है।
यह तो उदाहरण है। ट्रांजिट कैंप, फुलसुंगा, लालपुर, भूरारानी, जयनगर, धर्मपुर,बगबाडा क्षेत्र में करीब 50 से ज्यादा अवैध कालौनियां वर्तमान में डीडीए की स्वीकृति के वगैर ही काटी जा रही, पूर्व में बड़ी संख्या में कालौनी विना स्वीकृति के काटी गयी है, जिनमें न तो सड़क है और न ही नाली है। बारिश के समय में इस कालौनियां में जल भराव होता तो लोग सरकार को कोसते नजर आते हैं। जबकि हकीकत के यह की इसके लिए भू-माफियाओं के साथ डीडीए जिम्मेदार है।