उत्तराखंड

जान दे दी,लेकिन नहीं लुटने दी अस्मत।काशीपुर में मुन्नी देवी की मौत, आत्महत्या नहीं, हुआ था मर्डर।पुलिस ने बहसी दरिंदे को गिरफ्तार किया गिरफ्तार। कप्तान की कप्तानी आयी काम, व्लाइंड केस का हुआ खुलासा

नरेन्द्र राठौर

रुद्रपुर (खबर धमाका)। ऊधमसिंहनगर के काशीपुर में पिछले सप्ताह बागीचे में पेड़ से लड़की महिला ने आत्महत्या नहीं की थी,उसकी एक बहसी दरिंदे ने हत्या कर शव पेड़ पर लटकाया था। पुलिस ने आरोपी को। पकड़ने बाद इसका खुलासा कर दिया है।वही पुलिस ने खुलासे में जो दाबा किया है,वह सच है,तो महिला की कहानी किसी लक्ष्मीबाई से कम नहीं है। महिला ने अपनी आबरू बचाने के लिए जान दे दी, लेकिन आबरू नहीं लुटने दी। घटना में पुलिस ने जिस प्रकार ब्लाइंड केस का खुलासा किया वह भी काबिले तारीफ है।

एसपी क्राइम चंद्रशेखर घोड़के के मुताबिक 15 भी को काशीपुर के लक्ष्मीपुर गांव का शव पास के ही बाग में पेड़ से लटका मिला था, महिला के शरीर पर चोट के निशान भी थे, जिससे आशंका जताई जा रही थी कि उसकी हत्या हुई है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इसकी आशंका जताई थी, मामले 16 मई को मृतका के पुत्र ने तहरीर देकर हत्या का मुकदमा दर्ज करा था। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए खुलासे के लिए पांच टीमों का गठन किया था, जिसके बाद पुलिस हत्यारे तक पहुंच गयी। पुलिस ने काशीपुर क्षेत्र के धनौरी प्रतापपुर निवासी मनोज सिंह उर्फ विनोद को गिरफ्तार किया है।

पूछताछ के दौरान आरोपी वह ग्रैंड मिशन स्कूल हिम्मतपुर रामनगर की स्कूल बस में हैल्परी की नौकरी करता हूँ, धनौरी प्रतापपुर में अपने बड़े भाई के साथ रहता हूँ । घटना के दिन स्कूल के बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद घर पर खाना खाकर अमरूद्ध के बगीचे में गया वहाँ पर ट्युबल में पानी पीकर गन्ने के खेत की तरफ जा रहा था गन्ने के खेत में परिचित ऑटी मिली जिन्हें बचपन से जानता था को बताया कि यहाँ खेत में दवाई डाली है यहाँ घास मत काटों आम के बगीचे में घास काट लो। मृतका ने मेरी बात मानी और आम के बगीचे में चली गयी तब पीछे-पीछे वह भी चला गया और चरस से भरी बीड़ी पी और बदनीयति से वह धीरे-धीरे मृतका के पास पहुचा और शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिये मृतका से जोर जबरदस्ती का प्रयास करने लगा तो मृतका द्वारा मना करने लगी तब मृतका के द्वारा अभियुक्त को थप्पड़ मारा गया व गुस्से में आकर दराती से वार किया तो मैंने अपने बाये हाथ से दराती पकड़ ली जिससे मेरा बाये हाथ की बीच वाली अंगुली कट गयी तभी मृतका ने जोर-जोर से चिल्लाते हुये हाथ छुड़ाने की कोशिश की तथा बार – बार कह रही थी कि तेरी हरकत के बारे में सब को बता दूंगी तब मैनें उसका मुंह बन्द करके उसका गला दबा दिया तथा धक्का-मुक्की करते हुये 10-15 कदम चलते हुये दुसरें आम के बाग के पास पहुच गया और मैनें मृतका की दराती छीनकर दराती के मुठ से ऑटी के मुँह में जोर-जोर से मारा और गला घोटा तो आंटी को हल्की बेहोशी आने लगी तब मृतका की पल्ली की रस्सी से ही ऑटी का गला दबा दिया और मृतका मर गयी जिससे मैं घबरा गया मुझे कुछ नहीं सुझा मैंने आंटी की साड़ी को उनके गले में लपेट कर गाँठ बाँधी और औंटी की मौत को आत्महत्या दिखाने के लिये साड़ी को आम के पेड की नीचे व उपर वाली टहनी में लपेटकर दूबारा गले में गांठ लगा दी और फिर चुप-चाप बाग से निकल गया उस समय बाग का लगड़ा चौकीदार खाना खाने गया था और घर आकर जो कपड़े मैनें पहने था वह कपड़े मैनें नहाने के बाद घर में ही छुपा दिये मुझसे गलती हो गयी अभियुक्त का आपराधिक इतिहस खंगाला जा रहा है।

 

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