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उत्तराखंड

भीषण गर्मी में पानी की तलाश में भटक रहे वन्य जीव।पानी की तलाश में आबादी की तरफ रुख कर रहे वन्यजीव।सूखे पड़े वाटर होल की जानकारी लेने पर जवाब देने से कतराए अधिकारी। 

  • विजय जोशी 
  • जसपुर (खबर धमाका)। वन विभाग की निष्क्रियता के कारण भीषण गर्मी के चलते वाटर होल सूखे पड़े होने के कारण वन्य जीव पानी के लिए  दर-दर भटक रहे। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को वन्यजीवों की कोई परवाह नहीं है। सूखे पड़े वाटर होल की जानकारी लेने पर जवाब देने से अधिकारी कतरा गए । भीषण गर्मी के चलते पानी की तलाश में वन्य जीव आबादी की तरफ रुक कर लेते हैं । तराई पश्चिम वन प्रभाग के पतरामपुर क्षेत्र  में गर्मी  की शुरुआत आते ही  पानी की तलाश में वन्य जीवो का रुख तराई क्षेत्रो तथा आवादी वाले इलाकों की और हो जाता है l जिसके लिए वन विभाग द्वारा जगह जगह वाटर हाल बनाए जाने की व्यवस्था की जाती है । लेकिन इस बार तराई पश्चिम वन प्रभाग के पतरामपुर में गर्मी के  मद्देनजर वन विभाग द्वारा वन्यजीवो को पीने के लिए पानी मुहैया करने हेतु कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किये गए हैं l सूत्रों की माने तो वन्यजीवों को पानी उपलब्ध कराने हेतु तराई वन प्रभाग की पतरामपुर रेंज में पूर्व में कच्चे ओर पक्के लगभग 15 वाटर हाल बनाये  जाते रहे हैं  । कुछ वाटर हालो में प्राकृतिक पानी है जबकि  कुछ वाटर हालो को टेंकरो की मदद से पानी पहुँचाया जाता है ।ताकि वन्य जीवो को पीने का पानी मिल सके तथा उन्हें किसी प्रकार की समस्या न हो । विभाग द्वारा हर  -दो 3 किलोमीटर की दूरी पर वाटर हॉल बनाये जाने चाहिए l जिससे वन्य जीवो को जरूरत के मुताबिक पर्याप्त मात्र में पीने के लिए पानी मिल सके और वन्य जीवो को पानी की तलाश के लिए निचले ग्रामीण क्षेत्रो में न भटकना पड़े और आवादी वाले इलाकों को जान मान की हानि से बचाया जा सके।
  • उक्त संबंध में वन क्षेत्राधिकारी पतरामपुर ललित आर्य से मामले की जानकारी चाही गई तो वह कुछ भी कहने से कतरा गए तथा डीएफओ  प्रकाश चंद आर्य से फोन पर बात करनी चाहि कई तो उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया। वन्यजीव भगवान सहारे अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यही कारण है कि वन्य जीव आबादी वाले क्षेत्रों की तरफ अपना रुख कर लेते हैं । बता दें कि विगत वर्ष  दर्जनों लोगों को गुलदार तथा बाघ  द्वारा हमला कर घायल कर दिया गया । और उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसपुर भर्ती भी कराया गया। डॉक्टरों ने उनकी जान बचाई तथा  विगत वर्ष गुलदार ने गेहूं काटते समय ग्राम कासमपुर निवासी 35 वर्षीय शीशराम को अपना निवाला बनाया था ।जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त रहा। कुछ समय के लिए लोगों ने अपने खेतों पर आना जाना बंद कर दिया था।
  • फोटो ,पानी की तलाश में भटक रहा बाघ ।
  • भीषण गर्मी के  दौरान सूखे पड़े वाटर होल।
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