विधायक मचा रहे शोर,पहाड़गंज में एक ही समुदाय को सरकारी पर बसा रहे भूमाफिया।कल्याणी नदी के कोख तक बने बहुमंजिला मकान देखकर एडीएम नजूल/सचिव प्राधिकरण भी रह गए दंग। सिस्टम पर खड़े हुए बड़े सवाल! क्या जेंब गरम कर मूंद रखी है आंखें?
नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। रुद्रपुर के पहाड़गंज में बन चुका मिनी पाकिस्तान अब और विस्तार लेता जा रहा है।इसकी पोल आज एडीएम नजूल/सचिव प्राधिकरण पंकज उपाध्याय के निरीक्षण के दौरान हुआ है। पहाड़गंज के पीछे भू-माफियाओं ने बकायदा एक कालौनी काटकर रामपुर से आए एक ही समुदाय के लोगों को बसा दिया है। हालात देखकर खुद एडीएम के भी होश उड़ गए हैं।
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ऊपर दिए लिंक पर क्लिक करके देखिए एडीएम नजूल सचिव प्राधिकरण पंकज उपाध्याय ने पहाड़गंज के निरीक्षण के दौरान कैसे जताई हैरान
प्रदेश में लैंड जिहाद को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधायक शिव अरोरा जहां पूरी तरह मुखर है। वहीं रुद्रपुर का पहाड़गंज धीरे-धीरे मिनी पाकिस्तान बनता जा रहा।आलम यह है कि कल्याणी नदी के किनारे खाली पड़ी सरकारी जमीन पर एक भूमाफिया ने पूरी कालौनी काट दी है,जहां पर यूपी के एक ही समुदाय के लोगों को बसाने का काम किया जा रहा है।आलम यह है कि सरकारी और नदी की जमीन पर 50 से ज्यादा बहुमंजिला भवन बन चुके हैं और बन रहे हैं।इसकी भवन प्रशासन को आज तक नहीं लगी है,या फिर जिम्मेदार विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भू-माफियाओं से सांठ-गांठ कर अपनी जेंब गरम कर आंखें मूंदे हुए हैं यह जांच का विषय है।
दरासल सोमवार को एडीएम नजूल/सचिव प्राधिकरण पहाड़गंज में अवैध भवनों का निरीक्षण करने पहुंचे हुए थे। उन्होंने एक भवन का सीज करा दिया तो एडीएम निरीक्षण करते करते पहाड़गंज के दक्षिण साइट में पहुंच गए, जहां पर सरकारी जमीन पर अवैध कालौनी देखकर वह आश्चर्यचकित रह गए। भू-माफियाओं ने अवैध कालौनी काटकर एक ही समुदाय के लोगों का बसा दिया है। नदी के कोख तक भवन वने है।
यह सब कैसे और किसकी मैहरबानी से हुआ है यह जांच का विषय है, लेकिन जिस प्रकार सरकारी जमीन पर एक ही समुदाय के लोगों को भू-माफियाओं ने बसाने का काम किया है,यह रुद्रपुर के लिए ख़तरे की घंटी से कम नहीं है।सवाल यह उठ रहा कि नगर निगम,तहसील प्रशासन, विकास प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी कहा सोए हुए हैं।
एक तरह सरकार और डीएम सरकारी जमीन पर किसी का कब्जा न हो इसके लिए लगातार निर्देश देते नजर आते हैं,और दूसरी तरह उनके आदेशों का पालन किस तरह हो रहा है,यह पहाड़गंज में विकसित हो रही अवैध कालौनी को देखकर अंदाज लगाया जा सकता है।